कोलकाता: नागरिकता संशोसधन कानून और एनआरसी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र की नरेंद्र मोदी हमलावर है और मोर्चा खोला हुआ है. एक सप्ताह के भीतर आज ममता ने तीसरी बार मार्च निकाला. कोलकाता में आज उन्होंने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह पूरे देश को हिरासत केंद्र में बदलना चाहती है लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.
अमित शाह को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, ''आप सिर्फ बीजेपी नेता नहीं बल्कि देश के गृहमंत्री भी हैं. कृपया देश में शांति बहाल करें. आपने 'सबका साथ, सबका विकास' नहीं बल्कि 'सबके साथ सर्वनाश' किया. सीएए और एनआरसी को वापस लें नहीं तो मैं देखूंगी कि आप इसे यहां कैसे लागू करते हैं.'' मुख्यमंत्री ने कहा कि अमित शाह का काम आग बुझाना है.
इसके साथ ही ममता बनर्जी ने कहा, ''मैं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से यह सुनिश्चित करने की गुजारिश करती हूं कि देश संशोधित नागरिकता कानून की आग में ना जले. मैं केन्द्रीय गृह मंत्री से देश का ध्यान रखने और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने की अपील करूंगी.'' उन्होंने कहा कि अमित शाह का कहना है कि आधार कार्ड (नागरिकता का) सबूत नहीं है, फिर आप इसके साथ सब कुछ क्यों जोड़ रहे हैं?
नागरिकता कानून पर 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
उधर आज सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की है. इस मामले में दाखिल की गई सभी याचिकाओं पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है. इस मामले में चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े, जस्टिस बी आर गवई और सूर्य कांत के सामने कुल 59 याचिकाएं सुनवाई के लिए लगी थीं.
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