संदेशखाली में तनाव के बीच ममता बनर्जी के दो मंत्रियों ने किया दौरा, कुछ इलाकों में भड़का प्रदर्शन
Sandeshkhali Violence: संदेशखाली में पिछले कई दिनों से टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर महिलाओं की ओर से लगाए गए गंभीर आरोपों के कारण तनाव जारी है. इस मुद्दे पर टीएमसी और बीजेपी के बीच संग्राम छिड़ा हुआ है.
Sandeshkhali Issue: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में तनाव जारी है और कुछ इलाकों में ताजा विरोध प्रदर्शन हुआ है. इस बीच शनिवार (24 फरवरी) को पश्चिम बंगाल के सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक और अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस की एक टीम ने कोलकाता से लगभग 80 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में संदेशखाली के कुछ संकटग्रस्त इलाकों का दौरा किया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ममता बनर्जी के मंत्रियों ने लोगों की समस्याओं का समाधान निकालने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीणों की ओर से टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि की जा रही है.
हम आरोपों की पुष्टि कर रहे हैं- सुजीत बोस
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, सुजीत बोस ने मीडिया से कहा, ''ग्रामीणों के बीच कुछ शिकायतें हैं. उनकी जमीनें हड़प ली गईं और उन्हें मछली फार्म में बदल दिया गया. हम आरोपों की पुष्टि कर रहे हैं. हम उनकी समस्या को देखेंगे.''
पार्थ भौमिक और सुजीत बोस ने कुछ मछली फार्मों का दौरा किया, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे पहले कृषि फार्म थे. आरोप है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उनके भाई सिराजुद्दीन ने अपने साथियों के साथ उन पर कब्जा कर लिया था.
कहां हुए प्रदर्शन?
शनिवार को बरमाजुर गांव में ताजा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. लाठियों और झाड़ू से लैस महिलाओं ने शाहजहां शेख, सिराजुद्दीन और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारेबाजी की. बरमाजुर के हलदरपारा और माझेरपारा इलाकों में विरोध प्रदर्शन हुआ.
ज्यादातर महिला प्रदर्शनकारियों ने अपने चेहरे साड़ी या तौलिए से ढके हुए थे. उन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए चेहरे ढके हुए थे ताकि आरोपियों के सहयोगी उन्हें और उनके परिवारों को निशाना न बना सकें.
हलदरपारा में कुछ प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय टीएमसी नेता बिनय सरदार और उनके परिवारवालों पर हमला करने की कोशिश. हालांकि, अन्य ग्रामीणों ने उन्हें बचा लिया. बरमाजुर में पिछले तीन दिनों से प्रदर्शन हो रहा है.
टीएमसी विधायक सुकुमार महता ये बोले
संदेशखाली के टीएमसी विधायक सुकुमार महता ने कहा, ''सिराजुद्दीन के खिलाफ आरोप सामने आने के बाद उन्हें पहले ही पार्टी से निकाल दिया गया है. वह पीड़ित किसानों को जमीन लौटाने पर भी राजी हो गए हैं.''
मंत्रियों ने की ग्रामीणों को ये समझाने की कोशिश
दोनों मंत्रियों ने गांवों का दौरा किया और महिलाओं से बात की. उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि शाहजहां शेख को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा सका है, जबकि पुलिस ने उसके सहयोगियों उत्तम सरदार और शिबप्रसाद हाजरा को गिरफ्तार कर लिया है.
भौमिक ने कहा, ''निश्चित रूप से सरदार और हाजरा ने कुछ गैरकानूनी काम किए हैं. पार्टी और राज्य प्रशासन ने कदम उठाए हैं. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि अगर राज्य सरकार को अदालत से मंजूरी मिल गई तो शाहजहां सिर्फ 10 दिनों में सलाखों के पीछे होंगे. अगर टीएमसी पार्थ चटर्जी जैसे वरिष्ठ नेता को बाहर कर सकती है तो ऐसे लो-प्रोफाइल नेताओं को भी नहीं बख्शा जाएगा.''
बीजेपी ने बोला हमला
इस बीच बीजेपी प्रवक्ता ने समिक भट्टाचार्य ने कहा, ''पार्थ भौमिक अच्छी तरह से जानते हैं कि उनकी पार्टी उन्हें बाहर कर सकती है लेकिन शाहजहां जैसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी, जो संदेशखाली में पार्टी की जीत सुनिश्चित करते हैं. टीएमसी मंत्रियों को भेजकर आग बुझाने की कोशिश कर रही है. लोग अब उनके झूठे वादों को स्वीकार नहीं करने वाले हैं.''
बता दें कि पांच जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम पर भीड़ ने उस समय हमला किया था जब वे संदेशखालि में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के आवास में छापेमारी की कोशिश कर रहे थे. संदेशखालि में बड़ी संख्या में महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाए हैं.
यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल में TMC-कांग्रेस के बीच गठबंधन तय, ममता ने दीं 5 सीटें, असम में निकला ये फॉर्मूला