Mamata Banerjee vs Narendra Modi: ‘झूठे हैं ममता बनर्जी के आरोप...’, केंद्र का बंगाल की CM को जवाब, जानिए ममता बनर्जी ने अब क्यों खोला केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा
Mamata Banerjee Letter to PM: एक तरफ जहां ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि बांग्लादेश के साथ वार्ता से पहले राज्य सरकार को कोई सूचना नहीं दी गई तो वहीं केंद्र सरकार ने इन आरोपों को गलत बताया है.
Mamata Banerjee Attacked PM Narendra Modi: भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर आमने-सामने हैं. इस बार वजह बांग्लादेश के साथ केंद्र सरकार की ओर से किए गए कुछ समझौते हैं. ममता बनर्जी ने जहां केंद्र सरकार पर समझौते से पहले राज्य सरकार से परामर्श न लेने का आरोप लगा रही हैं तो वहीं केंद्र सरकार टीएमसी चीफ के इन दावों को गलत बता रहा है.
इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने ममता बनर्जी के उन आरोपों को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने भारत और बांग्लादेश की ओर से 1996 की गंगा जल संधि के नवीनीकरण के लिए वार्ता की घोषणा करने से पहले पश्चिम बंगाल से परामर्श नहीं किया. कई मीडिया रिपोर्टों में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बांग्लादेश के साथ गंगा जल संधि की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल से परामर्श किया गया था.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अप्रैल में पश्चिम बंगाल सरकार के सिंचाई और जलमार्ग विभाग में संयुक्त सचिव (कार्य) ने फरक्का बैराज के निचले हिस्से से अगले 30 वर्षों के लिए राज्य की कुल मांग से अवगत कराया था.
2026 में समाप्त होगी गंगा जल संधि
बता दें कि गांगा जल संधि 2026 में समाप्त हो जाएगी, लेकिन संभवतः इसे फिर से किया जाएगा. पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता के लिए नई दिल्ली में बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना से मुलाकात के बाद घोषणा की थी कि दोनों देश संधि के नवीनीकरण के लिए तकनीकी स्तर की चर्चा शुरू करेंगे.
ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखा था लेटर
वहीं दूसरी तरफ इस खबर के सामने आने के बाद पिछले हफ़्ते ही ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को एक लेटर लिखा. पीएम को लिखे लेटर में ममता बनर्जी ने संधि के नवीनीकरण के लिए बातचीत शुरू करने के फ़ैसले को एकतरफ़ा बताया. उन्होंने पीएम मोदी से आग्रह किया कि वे पश्चिम बंगाल को इस तरह की चर्चाओं से बाहर न रखें.
दावा- पिछले साल भी बंगाल सरकार को किया था शामिल
न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पिछले साल 24 जुलाई को केंद्र ने फरक्का में गंगा/गंगा जल बंटवारे पर 1996 की भारत-बांग्लादेश संधि की आंतरिक समीक्षा करने के लिए गठित पैनल में पश्चिम बंगाल सरकार के एक नामित व्यक्ति को शामिल करने की मांग की थी. एजेंसी ने बताया कि पिछले साल अगस्त में बंगाल ने सिंचाई और जलमार्ग निदेशालय में चीफ इंजीनियर (डिजाइन और अनुसंधान) को समिति में नामित करने के बारे में केंद्र से संपर्क किया था.
ममता बनर्जी के दावों को बताया गलत
इस बीच, समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बंगाल सरकार ने संधि को लेकर उसे जानकारी न देने का झूठा दावा किया है. सोमवार (24 जून 2024) को सरकारी सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने झूठा दावा किया है कि फरक्का में गंगा/गंगा जल बंटवारे पर 1996 की भारत-बांग्लादेश संधि की आंतरिक समीक्षा पर उनसे परामर्श नहीं किया गया.
ममता बनर्जी ने फिर लगाए केंद्र सरकार पर आरोप
वहीं दूसरी ओर सोमवार को टीएमसी की एक बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "बंगाल के लोगों की आजीविका पर विचार किए बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-बांग्लादेश फरक्का संधि को रिन्यु करने की प्रक्रिया में हैं. यह बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की बांग्ला विरोधी मानसिकता का एक और उदाहरण है."
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