Mamata Banerjee Wrote To PM Modi: पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आवश्यक दावों के दामों में बढ़ोतरी पर चिंता जताई है. राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) की ओर से आठ आवश्यक दावाओं के दाम बढ़ाने को लेकर ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि संबंधित मंत्रालय को इस फैसले पर तत्काल पुनर्विचार करने का निर्देश दिया जाए.
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे दो पन्नों के लेटर में ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘नागरिकों का कल्याण सर्वोच्च महत्व वाला है. मैं आपसे आग्रह करती हूं कि आम लोगों के स्वास्थ्य और कुशलता के व्यापक हित में मूल्य वृद्धि के निर्णय पर तुरंत पुनर्विचार करने के लिए संबंधित मंत्रालय को निर्देश जारी करें.’’
संतुलित दृष्टिकोण को बनाए रखना का होना चाहिए उद्देश्य
पश्चिम बंगाल सीएम ने लिखा, ‘‘शायद हमारा उद्देश्य एक संतुलित दृष्टिकोण को बनाए रखना होना चाहिए, जो वाणिज्यिक व्यवहार्यता और नागरिकों के लिए किफायती स्वास्थ्य सेवा के अधिकार, दोनों का सम्मान करता हो. नागरिकों का कल्याण सर्वोपरि है और यह महत्वपूर्ण है कि सभी हितधारक इस प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए समरूप नीतियां बनाएं.’’
इन बीमारियों के उपचार में काम आती है दवाएं
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने हाल में आठ दवाओं के 11 निर्धारित फॉर्मूलेशन की मूल्य सीमा में 50 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी दी थी. इनमें अधिकतर दवाएं किफायती हैं और आमतौर पर दमा, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, टीबी और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकारों के उपचार में काम आती हैं.
राज्य के बजट में पड़ेगा असर
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के मुताबिक राज्य में मरीजों को दवा और उपचार निशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं और इन दावों की कीमतों में होने वाली वृद्धि से राज्य के बजट पर भी बड़ा असर पड़ेगा. सीएम बनर्जी ने अपने लेटर में लिखा कि उन्हें यकीन है कि पीएम मोदी इस बात पर सहमति जताएंगे कि अनएक्सपेक्टेड दावों की कीमतों को बढ़ाने से कम लागत में स्वास्थ्य सुविधा देने वाले राज्यों पर असर पड़ेगा. दावों की बढ़ती कीमतों से स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा पड़ सकती है. इसका असर सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणाम और स्वास्थ्य प्रणालियों पर भी बोझ बढ़ता जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि आम जनता पहले ही रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजों की बढ़ती कीमतों से परेशान है ऊपर से इन दावों की वृद्धि से उन्हें और परेशानी हो सकती है. संभव हो सके तो इसे टाला जाना चाहिए.
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