चक्रवात मिचौंग से बंगाल में भारी बारिश से फसल तबाह, विपक्ष ने ममता सरकार से की मुआवजे की मांग
Suvendu Adhikari: बंगाल में चक्रवाती तूफान मिचौंग की वजह से कई जिलों में भारी बारिश ने किसानों की फसल को तबाह कर दिया है. विपक्षी नेता ने सीएस को पत्र लिखकर नुकसान भरपाई की मांग की है.
West Bengal Cyclonic Storm Michong: पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान मिचौंग के प्रभाव के कारण कुछ जिलों में बारिश से किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा है. राज्य में विपक्ष के नेता (एलओपी) शुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार से प्रभावित किसानों को राहत और सहायता प्रदान करने की अपील की है.
प्रदेश के मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी को लिखे पत्र में एलओपी ने कहा, ''लगातार बारिश के कारण आलू किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके खेत जलमग्न हो गए हैं. ज्यादा संभावना है कि उनकी फसल पानी में खराब हो जाएगी.
'अभी तक खेत में खड़ी है धान किसानों की फसल'
राज्य सरकार की ओर से असामयिक बारिश के बारे में पहले से जानकारी देने वाले जागरूकता अभियान की कमी के कारण जिन धान किसानों की फसल अभी तक नहीं कटी है, वे भी अधिक वित्तीय नुकसान की ओर बढ़ रहे हैं.
'तत्काल निरीक्षण कर नुकसान का आकलन करे सरकार'
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को तत्काल निरीक्षण कर यह आकलन करना चाहिए कि किसानों को प्रति क्विंटल कितना मुआवजा देना होगा. ऋणों के पुनर्मूल्यांकन का भी सुझाव दिया और किसानों को हुए वित्तीय नुकसान को ध्यान में रखते हुए पुनर्भुगतान प्रक्रिया में छूट की पेशकश की.
'पंजाब से आलू के बीज उपलब्ध कराने की मांग'
पत्र में लिखा है, "आलू उत्पादकों को पंजाब से आलू के बीज उपलब्ध कराए जाने चाहिए क्योंकि वहां आलू की पैदावार बहुत ज्यादा होती है."
'खाद की कालाबाजारी के कारण किसानी महंगी हुई'
उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि कृषि कार्य एक महंगी प्रक्रिया हो गई है और खाद की कालाबाजारी के कारण यह और भी महंगी हो गई है. राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों तक खाद की बोरियां केंद्र सरकार की तरफ से निर्धारित वास्तविक मूल्य पर पहुंचे.
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