ममता बनर्जी ने कहा-मतुआ समुदाय के सभी लोग हैं देश के नागरिक, BJP को बताया आउटसाइडर
पश्चिम बंगाल में सभी राजनीतिक दलों के लिए बनगांव लोकसभा क्षेत्र काफी मायने रखता है. इस क्षेत्र में मतुआ समुदाय की आबादी ज्यादा है. बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस से ये सीट छीन ली थी.
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधासभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो चुकी हैं. वहीं सभी पार्टियां अपने सियासी समीकरण मजबूत करने में जुटी हुई हैं. इन सबके बीच मतुआ समुदाय के मतदातओं को लुभाने के बीजेपी हो या टीएमसी कोई भी पार्टी जरा भी कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं. वहीं हाल ही में बीजेपी ने मतुआ मतदाताओं को खुश करने के लिए कहा था कि केंद्र सरकार फरवरी तक नए नागरिकता कानून को लागू करना शुरू कर देगी. बीजेपी के इसी बयान पर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निशाना साधते हुए बुधवार को बनगांव के गोपाल नगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, मतुआ समुदाय की पहचान पहले ही भारतीय नागरिक के रूप में हो चुकी है और उन्हें “ नई नागरिकता” देने का कोई सवाल ही नहीं उठता है.
मतुआ समुदाय को लुभाने पूरी कोशिश कर रही हैं राजनीतिक पार्टियां
बता दें कि पश्चिम बंगाल में सभी राजनीतिक दलों के लिए बनगांव लोकसभा क्षेत्र काफी मायने रखता है. इस क्षेत्र में मतुआ समुदाय की आबादी ज्यादा है. बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस से ये सीट हथिया ली थी. ऐसे में इस बार तृणमूल कांग्रेस इस सीट को लेकर काफी गंभीर है और मतुआ समुदाय का वोट हासिल करने की भरसक कोशिश में है.
मतुआ समुदाय के विकास के लिए बनाया गया है बोर्ड
बुधवार को यहां आयोजित जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी के खिलाफ हुंकार भरते हुए राज्य सरकार द्वारा मतुआ समाज के लिए किए गए कार्यों का बखान किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी को नहीं पता था कि मतुआ समुदाय इतनी तेज गति से प्रगति करेंगे. यह मेरी पुरानी जगह है, मतुआ समुदाय के विकास के लिए एक बोर्ड बनाया गया है, इसके साथ ही उन्हें 10 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया है. सीएम ने कहा कि केटी के गठित होते ही विकास के काम भी शुरू कर दिए जाएंगे.
सीएए को बताया धोखा
ममता बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, नागरिकता संशोधन अधिनियम या सीएए मात्र छलावा है. राज्य सरकार ने शरणार्थी कॉलोनियों समेत सभी कॉलोनियों को पहले ही मान्यता दे दी है. राज्य में कोई एनआरसी और एनपीआर नहीं होगा. मैं राज्य में इसकी अनुमति नहीं दूंगी. और न ही मैं पश्चिम बंगाल को गुजरात बनने दूंगी.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पर भी साधा निशाना
ममता बनर्जी ने बीजेपी के साथ ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘ माकपा के हमदर्द बीजेपी के अब चहेते बन गए हैं. आरएसएस के गुंडे बाहर से आ रहे हैं. बाहर से आये लोग मातुओं को हिंदूवाद सिखा रहे हैं. वे बाहरी हैं, बंगाली नहीं है. अगर उनके पास सत्ता है तो राजनीतिक और लोकतांत्रिक तरीके से लड़ें. मतुआ बर्मा के परिवार की एक सदस्य ममताबाला सरकार तृणमूल की पूर्व सांसद हैं, जबकि एक दूसरी सदस्य शांतनु टैगोर वर्तमान में बीजेपी सांसद हैं. सीएम ने कहा कि वे बांटने वाली राजनीति कर रहे हैं. हिंदू और मुसलमानों को बांटकर मतुआ समुदाय को तोड़ा जा रहा है.
किसान आंदोलन के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर बोला हमला
अपने संबोधन के दौरान ममता बनर्जी ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर बोलते हुए केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, ‘ किसानों को उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है. आलू, प्याज और दालें जरूरी उत्पाद है. लोग अब आलू और चावल नहीं खा पाएंगे. सर्दियों में आलू प्याज की कीमतें आसमान छूएंगी.
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