(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
CM ममता का बीजेपी पर बड़ा हमला, बोलीं- बंगाल के लोग राज्य को चलाएंगे, न कि बाहर के लोग
ममता बनर्जी ने कहा है कि आज देशभर में भय के राज के कारण लोग अपनी बात रखने में असमर्थ हैं.
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस की रैली में आज केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि आज देशभर में भय के राज के कारण लोग अपनी बात रखने में असमर्थ हैं. इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार पर पश्चिम बंगाल के लोगों की अनदेखी का आरोप लगाया है और कहा है चुनाव में बंगाल के लोग इसका जवाब देंगे. ममता बनर्जी ने कहा है कि कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है. वे हत्या की बात करते हैं.
ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि वहां हालात खराब हैं. यूपी के लोग पुलिस में शिकायत तक करने से डरते हैं. एक घटना में कई पुलिस वाले मारे जाते हैं.
What is happening in Uttar Pradesh? People in that state are afraid of lodging complaints with the police. Several policemen were killed in a single incident: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee https://t.co/r9dqf4GWyH
— ANI (@ANI) July 21, 2020
ममता बनर्जी ने आगे कहा,'' अम्फान चक्रवात से प्रभावित हुए सभी लोगों को सरकारी सहायता मिलेगी, हमारे खिलाफ झूठी अफवाहें फैलाई जा रही हैं.''
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने संभवत: BJP को बाहरी लोगों की पार्टी करार हुए कहा, ''बंगाल के लोग राज्य को चलाएंगे, न कि बाहर के लोग. केंद्र सरकार यह कहते हुए बंगाल के खिलाफ षड्यंत्र कर रही है कि हर दिन यहां हिंसा होती है, लेकिन उत्तर प्रदेश के बारे में क्या, जहां ‘जंगल राज’ है.''
ममता बनर्जी ने कहा,'' हम 2021 के चुनाव में बीजेपी को बंगाल से बाहर फेंक देंगे.त्रिमूल कांग्रेस एक बार फिर राज्य में सरकार बनाएगी. अगला चुनाव राज्य और देश को एक नया दिशा देगी.''
बता दें कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) आज शहीद दिवस मना रही है. इस मौके पर पार्टी पहली बार डिजिटल रैली का आयोजन कर रही है. आज ही के दिन टीएमसी साल 1993 में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए 13 लोगों की याद में ‘शहीद दिवस’ मनाती है. ममता बनर्जी उस समय युवा कांग्रेस की नेता थीं जिन्होंने मतदान के लिए मतदाता परिचय पत्र को ही दस्तावेज मानने की मांग को लेकर सचिवालय की ओर मार्च का आह्वान किया था. उसी दौरान पुलिस की गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे.