नई दिल्ली: दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की जीत लगभग तय है. इस के साथ ही फ्री बिजली भी चर्चा में है. कहा जा रहा है ये फॉर्मूला काम कर गया. वोटरों ने झोली भर कर केजरीवाल की पार्टी को वोट दिया. अब जीत के इस फंडे को दूसरे मुख्य मंत्रियों ने आजमाने का मन बनाया है. ममता बनर्जी की सरकार ने मुफ्त बिजली देने का एलान भी कर दिया.
3 महीने में 75 यूनिट तक बिजली खपत करने वालों को ये सुविधा मिलेगी. इसका फायदा 35 लाख गरीब परिवारों को मिलेगा. ममता सरकार ने इसके लिए 200 करोड़ रुपये का बजट रखा है. अगले साल बंगाल में विधानसभा के चुनाव होने हैं. बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए अमित शाह ने कहा था कि पार्टी का स्वर्णिम काल तब आयेगा जब बंगाल में सरकार बनेगी. बीजेपी ने ममता बनर्जी और उनकी पार्टी को हराने के लिए सारे घोड़े खोल दिए हैं.
लोकसभा चुनाव में मिली कामयाबी के बाद से बीजेपी हाई पर हैं. उनको 42 में से पार्टी को 18 सीटें मिली थीं. बीजेपी को 40.3% और टीएमसी को 43.3% वोट मिले थे. दोनों पार्टियों में सिर्फ 3 फीसदी वोट का अंतर था. ममता बनर्जी जानती हैं कि मुकाबला कांटे का हो सकता है. इसीलिए उन्होंने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को साथ कर लिया. अब वे आगे की सोच रही हैं. उन्हें केजरीवाल के फॉर्मूले में जीत की उम्मीद दिखने लगी है. इसीलिए दिल्ली वाला फ्री बिजली अब ममता दीदी बंगाल में जलाना चाहती हैं.
प्रशांत किशोर को भी इस बात का डर है कि कहीं ममता इस गेम में ना फंस जाए. इसीलिए गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली देकर अलग माहौल बनाने की तैयारी है. बंगाल की तरह महाराष्ट्र में भी फ्री बिजली देने पर काम शुरू हो गया है. उद्धव ठाकरे सरकार हर महीने 100 यूनिट बिजली फ्री देना चाहती है. इसके लिए बिजली विभाग के अफसरों को रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया है. तीन महीने की डेडलाइन दी गई है.
यूपी में दो साल बाद विधानसभा के चुनाव हैं. पिछली बार बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला था. लेकिन वहां बिजली काफी मंहगी है. दिल्ली का पड़ोसी राज्य होने के कारण यूपी के लोग इस बात का उलाहना भी देते हैं. तो क्या योगी सरकार दिल्ली का फॉर्मूला यूपी में लागू कर सकती है ?
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