Mamata Banerjee: कांग्रेस को बड़ा झटका देने की तैयारी में ममता बनर्जी, तीसरा मोर्चा खड़ा करने की कर रहीं कोशिश!
Mamta Banerjee: टीएमसी संसद में प्रिंसिपल अपोजीशन पार्टी कांग्रेस से दूरी बना चुकी है. हाल ही में शरद पवार के साथ मुंबई में साझा प्रेस कांफ्रेंस में ममता ने UPA के वर्चस्व पर ही सवाल खड़े कर दिए थे.
Mamta Banerjee Third Front: क्या ममता बनर्जी देश में गैर बीजेपी-गैर कांग्रेस तीसरा मोर्चा खड़ा करने की कोशिश कर रही हैं? UPA के वर्चस्व पर पहले ही सवाल खड़े कर चुकीं ममता बनर्जी ने अब दिल्ली में गैर बीजेपी शाषित राज्यों के मुख्यमंत्रियो का एक सम्मेलन कराने का प्रस्ताव रखा है. ममता बनर्जी की पार्टी पहले ही संसद में प्रिंसिपल अपोजीशन पार्टी कांग्रेस से दूरी बना चुकी है और ज्यादा दिन नहीं बीते जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ मुंबई में साझा प्रेस कांफ्रेंस में ममता ने UPA के वर्चस्व पर ही सवाल खड़े कर दिए थे.
याद रहे कि UPA गठबंधन की अगुवाई कांग्रेस करती रही है. यही नहीं, बड़ी बात ये कि अब ममता बनर्जी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से बात करके जल्दी ही दिल्ली में गैर बीजेपी शाषित राज्यों के मुख्यमंत्रियो का सम्मेलन करने का प्रस्ताव दिया है.
गौरतलब है कि अपने इस प्रस्ताव पर ममता बनर्जी ने अभी तक कांग्रेस से संपर्क नहीं किया है. ममता बनर्जी राहुल गांधी के विदेश दौरों पर भी हाल में सवाल खड़े कर चुकी हैं. ममता की ताजा पहल पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा है कि इस संबंध में उन्हें ममता बनर्जी का फोन आया था और जल्दी ही राजधानी दिल्ली में गैर बीजेपी शाषित राज्यों के मुख्यमंत्रियो का सम्मेलन किया जाएगा. स्टालिन का दावा है कि DMK इन कोशिशों में अग्रिम भूमिका निभाएगी.
विपक्षी नेताओं के संपर्क में हैं ममता बनर्जी
गौरतलब है कि DMK पहले से ही देश में एक नैशनल सोशल जस्टिस फ्रंट बनाने की पैरवी कर रही है. उधर ममता का बंगाल से बाहर भी पार्टी के फैलाव का इरादा भी अब किसी से छिपा नहीं है. केवल ममता ही नहीं बल्कि NCP अध्यक्ष भी समय समय पर तीसरा मोर्चा खड़ा करने की कोशिशें करते रहे हैं. यहां तक कि किसान आंदोलन के समय किसानों के समर्थन में भेजे विपक्षी राजनीतिक दलों के दस्ते में भी शिरोमणि अकाली दल को शामिल कर कांग्रेस को पवार ने बाहर रखा था. उधर ममता बनर्जी लगातार अखिलेश यादव के भी संपर्क में बनी हुईं हैं, यही नहीं उन्होंने अभी कुछ दिनों पहले ही उत्तर प्रदेश जाकर अखिलेश यादव के लिए प्रचार भी किया था.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी कहा है कि ममता बनर्जी ने उनसे भी फोन पर बात की है और जल्दी ही या तो वो बंगाल जाएंगे या ममता उनसे मिलने तेलंगाना का दौरा करेंगी. गौरतलब है कि सभी को साथ लाने का तात्कालिक आधार ममता ने राज्यों में राज्यपालों की भूमिका को बनाया है. बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ उनकी तल्खी अब किसी से छिपी नहीं है, यहां तक कि हाल में उन्होंने राज्यपाल धनखड़ को ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया था. वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी हाल में NEET मामले पर राज्यपाल आर एन रवि की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं.
उधर सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी ने आरजेडी से भी इस संबंध में संपर्क साधा है. देखना ये भी दिलचस्प होगा कि वाम दल इसका हिस्सा बनते हैं या नहीं. ममता की ये कोशिशें कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. अगर पांच राज्यों में चुनाव नतीजे कांग्रेस के लिए अच्छे नहीं रहते तो कांग्रेस के खिलाफ नए मोर्चे की लामबंदी तेज़ हो जाएगी.