कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ बीजेपी के मुखपत्र से अधिक खतरनाक ढंग से काम कर रहे हैं. संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति को यह शोभा नहीं देता. राज्यपाल की तरफ से राज्य की शिक्षा प्रणाली की निन्दा किए जाने के कुछ घंटे बाद मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी आई.


सरकार के संपर्क में नहीं रहने के राज्यपाल धनखड़ के आरोप को खारिज करते हुए सीएम ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि हम नौकर हैं. उन्होंने राज्य सचिवालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम राज्यपाल के नियमित संपर्क में हैं. मैंने बुधवार को उनसे चार बार बात की...ऐसा लगता है जैसे हम नौकर हों और हम काम की तनख्वाह ले रहे हों तथा हमें उन्हें हर समय जवाब देना होगा. सरकार क्या करे.... कोविड-19 से निपटे या उनके प्रश्नों के उत्तर दे?’’


मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की चेतावनी के बाद सरकार संचालित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी आश्वासन दिया कि वे चिंता न करें. राज्यपाल ने चेतावनी दी थी कि उनके द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल न होने वाले कुलपतियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘कुलपति चिंता न करें. वे सभी सम्मानित हैं और वे जिस तरह से काम करते रहे हैं, उसी तरह काम करना जारी रखेंगे. हम उनके साथ हैं. उन्हें हमारा शत प्रतिशत समर्थन है.’’ मुख्यमंत्री की टिप्पणियां राज्यपाल के उस बयान के कुछ घंटे बाद आईं जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल में शिक्षा प्रणाली राजनीतिक रूप से बंधक है.


ममता बनर्जी ने राज्यपाल के इस दावे को लेकर भी उनकी निन्दा की कि बीजेपी विधायक दीबेंद्र नाथ रॉय की मौत राजनीतिक हत्या है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं जांच पूरी होने तक इंतजार करूंगी. मेरा मानना है कि या तो वह साबित करें कि यह राजनीतिक हत्या है या फिर उन्हें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. मेरा मानना है कि राज्यपाल बीजेपी के मुखपत्र से अधिक खतरनाक ढंग से काम कर रहे हैं.’’


सीएम ने कुछ कर्मचारियों को बिना वेतन पांच साल की छुट्टी पर भेजने के एअर इंडिया के कदम पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ‘‘क्या हो रहा है? मैंने यह कभी नहीं सुना. क्या संविधान इस मामले में भूमिका निभाने नहीं आएगा ?’’


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