TMC Vs BJP: ममता बनर्जी सरकार कोलकाता के घाट पर गंगा आरती का करेगी आयोजन, जानें- क्या बोली बीजेपी
West Bengal Govt Organise Ganga Aarti: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार कोलकाता के बाजे कदमतला घाट पर गंगा आरती का आयोजन करेगी. इसको लेकर बीजेपी ने आरोप प्रत्यारोप शुरू कर दिया है.
West Bengal Government Organise Ganga Aarti: पश्चिम बंगाल में अब जल्द ही वाराणसी की तर्ज पर होगा गंगा आरती का आयोजन. इस आरती में ठीक उसी अंदाज में पूजन अर्चन किया जाएगा जैसे वाराणसी के घाटों पर किया जाता है. जल्द ही वाराणसी से ट्रेनिंग करवाकर पंडितों को यहां पर उसी तरह से आरती करने और आम आदमी को आरती देखने का मौका मिलेगा इसके लिए सारा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी .
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि कोलकाता में जल्द ही वाराणसी की तर्ज पर गंगा आरती का आयोजन होगा. हुगली नदी के तट पर स्थित बेलूर और दक्षिणेश्वर में भी आरती की जाएगी.
देश के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक, सागर द्वीप पर गंगासागर मेला, लाखों लोगों को आकर्षित करता है, जो मकर संक्रांति पर गंगा नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम पर डुबकी लगाते हैं और कपिल मुनि मंदिर में पूजा करते हैं.
'गंगा आरती शुरू होगी'
सीएम ममता बनर्जी ने कहा, 'हमारे पास काशी की तरह सीढ़ियां नहीं हैं. योजना बनाना बहुत महत्वपूर्ण है. हम सभी पहलुओं को देखने के बाद अनुमति देंगे. कल से हम गंगा आरती की तैयारी शुरू कर देंगे." उन्होंने कहा, "शनिवार (14 जनवरी) से काम शुरू होगा और काम पूरा होने के बाद गंगा आरती शुरू होगी." तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने आगे कहा कि बेलूर, दक्षिणेश्वर और तारापीठ में काम शुरू होगा और इन क्षेत्रों में भी घाटों पर गंगा आरती होगी.
टीएमसी मंत्री ने साधा बीजेपी नेता पर निशाना
टीएमसी मंत्री फिरहाद हकीम ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि "प्रमाणीकरण या सर्टिफिकेट लेना पड़ेगा क्या ममता बनर्जी को शुभेंदु अधिकारी से?' शुभेंदु अधिकारी बीजेपी में गए हैं इसलिए उनसे प्रमाणीकरण लेना पड़ेगा कि कौन हिंदू है या नहीं है? और इतने दिन तक शुभेंदु अधिकारी खुद ममता बनर्जी के पैर के नीचे बैठ के जब पूजा अर्चना करते थे तब वो सही हिंदुत्व था? ये सब गलत बात है आप ऐसे किसी इंसान को कह नही सकते.
हम स्वागत करते हैं
बीजेपी नेता शिशिर बाजोरिया ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कोर्ट के आदेश के बिना दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन नहीं हो सकता है. यह वो ही प्रशासन है जिसको आदेश है कि 'जय श्री राम' कोई बोले तो उसे हिरासत में ले लिया जाए. अब यहां सुना जा रहा है कि हमारी माननीय मुख्यमंत्री बोली हैं कि गंगा आरती करेंगी. बहुत बढ़िया बात है. हम उसका स्वागत करते हैं. मगर इसमें भी एक विडम्बना है कि गंगा आरती हर कोई नहीं कर सकता है सिर्फ उनके ही दल (टीएमसी) के लोग ही कर सकते है. गंगा की आराधना भी और कोई नहीं आकर सकता है."
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने की पुलिस कर्मियों के साथ हाथापाई
वही, कोलकाता के बाबूघाट इलाके में बीते मंगलवार (10 जनवरी) को पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के साथ गंगा आरती कार्यक्रम में शामिल होने के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस कर्मियों के साथ हाथापाई की. बीजेपी कार्यकर्ताओं को बाजे कदमतला घाट पर रोका गया तो मजूमदार ने पास के घाट पर आरती उतारी. जब पुलिस ने हस्तक्षेप किया, तो उनके और पार्टी समर्थकों के बीच हाथापाई हुई.
बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को मौके पर भेजा गया और मजूमदार सहित कई बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को एक वैन में लालबाजार ले जाया गया. हालांकि अब राज्य में सत्तारूढ़ दल की ये पहल अब राजनीति का नया केन्द्र बन गया है और ये लड़ाई लम्बी चलने वाली है.