कोलकाताः पश्चिम बंगाल में तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने टीएमसी में बड़े संगठनात्मक बदलाव किए हैं. इसके तहत उन्होंने अपने भतीजे और पार्टी के सांसद अभिषेक बनर्जी को राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है. इससे पहले महासचिव की जिम्मेदारी दिनेश त्रिवेदी के पास थी, जो चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे.
महासचिव बनाये जाने के बाद अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट कर पार्टी के हर एक कार्यकर्ताओ को धन्यवाद. अभिषेक बनर्जी ने लिखा "@AITCofficial ने मुझे जो नई भूमिका दी है, उससे मैं खुश हूं. मैं पार्टी के हर एक कार्यकर्ता को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने तमाम बाधाओं के बावजूद मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर यह लड़ाई लड़ी और बंगाल को विजयी बनने में मदद की” ।
टीएमसी को पूरे देश में ले जाने के लिए पर जोर
सांसद अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को टीएमसी महासचिव के रूप में अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि टीएमसी पार्टी को पूरे देश में ले जाने के लिए नए सिरे से जोर दिया जाएगा. बीजेपी के पश्चिम बंगाल में टीएमसी के प्राथमिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरने को लेकर अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'हमारा लक्ष्य बीजेपी को हराना नहीं है. हमारा लक्ष्य देश को बचाना और अपने संविधान की रक्षा करना है.'
अभिषेक ने मीडिया को बताया कि एक महीने के भीतर टीएमसी अपनी 'विस्तार योजना' लेकर आएगी. उन्होंने कहा कि अब पहले से कुछ अलग होने जा रहा है, अब एआईटीसी (AITC) राष्ट्रीय पार्टी होने जा रही. उन्होंने कहा कि टीएमसी सिर्फ कुछ सीटों को जीतने के लिए नहीं, बल्कि राज्य को जीतने के लिए दूसरे राज्यों में जाएगी. हम अब दूसरे राज्यों में सरकार बनाना चाहते हैं. यह उत्तर पूर्व, मध्य, दक्षिण भारत या कहीं भी हो सकता है. जल्द ही अन्य राज्यों में भी हम बीजेपी को टक्कर देंगे.
अभिषेक की राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री के प्रयास
विधानसभा चुनाव में परिवारवाद के आरोपों के बाद भी ममता का यह दांव अभिषेक की राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री बताई जा रही है. अभिषेक फिलहाल डायमंड हार्बर से सांसद हैं. डायमंड हार्बर वही क्षेत्र है, जहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर टीएमसी समर्थकों ने हमला किया था.
पश्चिम बंगाल में 2021 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक बयानबाजियों के बीच बीजेपी ने टीएमसी पर परिवारवाद की राजनीति के आरोप लगाया था. ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी को चैलेंज करते हुए कहा कि जो परिवारवाद की राजनीति का आरोप लगा रहे हैं उनके खुद के परिवार से लोग राजनीति में हैं.
परिवारवाद के आरोपों पर बीजेपी को दी थी चुनौती
बनर्जी ने कहा कि मैं पीएम मोदी से अपील करता हूं कि वह संसद में ऐसा बिल लेकर आए जिसके मुताबिक एक परिवार से सिर्फ एक ही शख्स को राजनीति में रहने की इजाजत हो. मुकुल रॉय, कैलाश विजयवर्गीय, सुभेंदु अधिकारी के परिवार से कई लोग राजनीति में हैं. अगर बीजेपी इस बात को माने कि राजनीति में एक परिवार से एक ही शख्स रहेगा तो हमारे परिवार से केवल ममता बनर्जी ही सियासत का हिस्सा होंगी. क्या बीजेपी ये चैलेंज स्वीकार करेगी? मैं 24 घंटे में राजनीति छोड़ दूंगा.
2014 में पहली बार बने सांसद
2014 में उन्होंने अपनी पहली बड़ी राजनीतिक सफलता का स्वाद चखा जब उन्होंने डायमंड हार्बर से टीएमसी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और सीपीआई (एम) के उम्मीदवार अबुल हसनत के खिलाफ जीत हासिल की. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर से जीत हासिल की, इस बार बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ.
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