पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा कि वो केंद्र के एकतरफा आदेश से बेहद हैरान और स्तब्ध हैं और इस वजह से वो मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं करेंगी. ममता बनर्जी ने पत्र में कहा कि 'मुझे ये स्वीकार करना चाहिए कि मैं भारत सरकार के 28 मई 2021 को भेजे गए एकतरफा आदेश से हैरान और स्तब्ध हूं, इस आदेश में मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को कार्यमुक्त करने को कहा गया है, एकतरफा आदेश पश्चिम बंगाल सरकार के साथ किसी भी पूर्व परामर्श के बिना, अधिकारी की किसी भी इच्छा के बिना ये एकतरफा आदेश कानूनी रूप से अस्थिर, ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व और पूरी तरह से असंवैधानिक है'. साथ ही ममता ने कहा 'मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती हूं कि आप अपने फैसले को वापस लें, या आदेश को रद्द करें'. वहीं शनिवार को ममता बनर्जी ने केंद्र पर आरोप लगाया था कि वो प्रतिशोध की राजनीति कर रहा है और कहा कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हर कदम पर उनकी सरकार के लिए समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.


चक्रवात यास की समीक्षा बैठक में नहीं शामिल हुईं ममता


ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के साथ चक्रवात यास की समीक्षा बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया था और कुछ घंटे बाद दूसरी मीटिंग के लिए रवाना होने से पहले कलाइकुंडा हवाई अड्डे पर पीएम मोदी से मिलने को कहा था. वहीं अब मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि क्या मुख्य सचिव को दिए आदेश का कलाईकुंडा में समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होने से कोई लेना देना है.


मुख्य सचिव का 24 मई को बढ़ाया गया था कार्यकाल


ममता बनर्जी ने कहा कि नो नहीं समझ पा रही हैं कि जब 24 मई 2021 को कुछ दिन पहले मुख्य सचिव के कार्यकाल को बढ़ाने की अनुमति केंद्र-राज्य सरकार के परामर्श से दी गई थी तो अब अचानक से फैसला क्यों बदला गया है. साथ ही कहा कि इस एकतरफा आदेश का कोई विवरण भी नहीं दिया गया है.


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