MBBS में दाखिले के नाम पर छात्रों से धोखाधड़ी कर रकम एकत्र करने वाली महाराष्ट्र की छत्रपति शिवाजी एजुकेशन सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष महादेव रामचंद्र देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया है ED की विशेष कोर्ट ने पूछताछ के लिए रामचंद्र देशमुख को 18 मई तक के लिए ED की रिमांड पर भेज दिया है. ED के एक आला अधिकारी ने बताया की छत्रपति शिवाजी एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष महादेव रामचंद्र देशमुख और अन्य के खिलाफ महाराष्ट्र के सतारा जिले के थाने में हुई FIR के आधार पर ED ने यह मामला मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किया था.
इस मामले में आरोप था कि MBBS पाठ्यक्रम में छत्रपति शिवाजी एजुकेशन सोसायटी की मेडिकल साइंस एंड रिसर्च संस्थान मायानी नामक कॉलेज में प्रबंधन ने छात्रों से प्रवेश के लिए नगदी में धन एकत्र किया था जबकि कॉलेज इसके लिए पात्र नहीं था. ED को जांच के दौरान पता चला कि छत्रपति शिवाजी एजुकेशन सोसायटी कोल्हापुर महाराष्ट्र एक धर्मार्थ ट्रस्ट है जो शैक्षिक गतिविधियों में लगा हुआ है. ट्रस्ट को शैक्षणिक वर्ष 2012-13 और 2013-14 के लिए प्रतिवर्ष 100 सीटों के लिए एक मेडिकल कॉलेज चलाने की अनुमति मिली थी.
छात्रों से धोखाधड़ी में वसूले 29 करोड़ की धनराशि
इसमें सरकारी कोटे की 85 सीट और प्रबंधन कोटे की 15 सीट शामिल थी. हालांकि साल 2014 में प्रवेश नियामक प्राधिकरण ने शैक्षणिक वर्ष 2014-15 के लिए MBBS में प्रवेश की अनुमति को अस्वीकार कर दिया था. केवल 200 छात्रों को ही प्रवेश की अनुमति मिलने के बावजूद 2012-13 से 2015-16 तक तत्कालीन अध्यक्ष महादेव रामचंद्र देशमुख ने छात्रों से धोखाधड़ी और अवैध रूप से लगभग 29 करोड़ रुपये की धनराशि एकत्र की.
550 छात्रों में से महज 350 को ही मिल पाया एडमिशन
आरोप है धनराशि दान के रूप में दिखाई गई और अनेक छात्रों को प्रवेश भी नहीं मिला. यह भी पता चला है कि 550 छात्रों में से केवल 350 छात्रों को ही प्रवेश मिला. जांच में पता चला कि महादेव रामचंद्र द्वारा MBBS में दाखिले के नाम पर एजेंट बनाए गए थे. इन्हें प्रवेश के लिए संभावित उम्मीदवारों को लाने का काम सौंपा गया था और इसके बदले उन्हें कमीशन दिया जाता था.
जांच के दौरान सहयोग नहीं करने का आरोप
ED का आरोप है कि जांच के दौरान महादेव रामचंद्र देशमुख ने जांच में सहयोग नहीं किया और महत्वपूर्ण जानकारियां लगातार छुपाते रहे. उनके असहयोग को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उसे ED की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया जहां से उसे पूछताछ के लिए ईडी रिमांड पर भेजा गया है मामले की जांच जारी है.
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