सुप्रीम कोर्ट के कोटे में कोटा पर फैसले से नाराज एक शख्स ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को जान से मारने की धमकी दे डाली. शख्स ने सोशल मीडिया पोस्ट लिखकर सीजेआई को जान से मारने की धमकी दी. पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर लिया है.


दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एससी और एसटी के अंदर सामाजिक और आर्थिक रूप से अधिक पिछड़ी जातियों को कोटा की मंजूरी दी है. इस फैसले का कई राजनीतिक दलों ने विरोध भी किया है. सोशल मीडिया पर भी इस फैसले को लेकर बहस छिड़ी हुई है. इन सबके बीच मध्य प्रदेश के बैतूल के रहने वाले पंकज अतुलकर ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, वह सीजेआई को मार डालेगा. क्योंकि उन्होंने ‘अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को गुलाम बनाने का फैसला’ दिया है, जो संविधान का उल्लंघन है.


बैतूल पुलिस ने बताया कि शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. बैतूल गंज थाना प्रभारी रविकांत दहेरिया ने बताया, “भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.”


सुप्रीम कोर्ट ने क्या सुनाया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC-ST) आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ ने एससी-एसटी में कोटे के अंदर कोटे को मंजूरी दे दी है. यानी एससी-एसटी कोटे में सब कैटेगरी किया जा सकता है. सात जजों की संविधान पीठ ने ईवी चिन्नैया के 2004 के फैसले को पलट दिया, जिसमें अनुसूचित जातियों के भीतर कुछ उप-जातियों को विशेष लाभ देने से इनकार किया गया था. साल 2004 में ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में पांच जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया था कि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के सदस्य एक समान समूह हैं, जिन्हें आगे किसी उप-समूह या वर्गीकरण में बांटा नहीं जा सकता.