शिमला: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के एक गांव में प्रशासन से कथित तौर पर मदद नहीं मिलने के कारण एक व्यक्ति को अपनी मां के शव को कंधे पर ढोकर श्मशान ले जाना पड़ा, जिसकी कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई थी. हालांकि, कांगड़ा के उपायुक्त राकेश प्रजापति ने बताया कि ना तो उन्हें और ना ही अनुमंडलीय दंडाधिकारी को घटना के बारे में सूचित किया गया.


व्यक्ति ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित उसकी मां को बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं रहने के कारण अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया, जिसके कारण वह मां को वापस बंगवार गांव ले आया, जहां गुरुवार साढ़े चार बजे सुबह उनकी मृत्यु हो गई. व्यक्ति ने कहा कि उसने ग्राम पंचायत प्रमुख सूरम सिंह को मामले की जानकारी दी लेकिन गांव से कोई भी मदद करने नहीं आया, जिसके कारण कंधे पर ढोकर शव को एक किलोमीटर दूर श्मशान ले जाना पड़ा.


वाहन का भी नहीं किया इंतजाम


व्यक्ति ने आरोप लगाया कि पंचायत प्रमुख ने किसी वाहन का भी इंतजाम नहीं किया. इसलिए उन्होंने कंधे पर शव को श्मशान ले जाने का फैसला किया. वहीं, ग्राम पंचायत प्रमुख सूरम सिंह ने कहा कि वह और एक आशा कार्यकर्ता शव को श्मशान ले जाने के लिए पीपीई किट की व्यवस्था करने में जुटे थे लेकिन व्यक्ति ने मदद लेने से इनकार कर दिया.


पंचायत प्रमुख ने कहा कि दो ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों से भी उन्होंने बात की लेकिन संक्रमण के डर से उन लोगों ने शव को ले जाने से मना कर दिया. कांगड़ा के कांग्रेस विधायक पवन कुमार काजल ने कहा कि उन्हें घटना के बारे में शुक्रवार को पता चला और अगर उन्हें पहले जानकारी मिल गई होती तो वह मदद करते.