पुलिस भर्ती परीक्षा में अंडरवियर में मोबाइल और कान में इयरफोन, पकड़ी गई मुन्नाभाई की चालाकी
मुन्नाभाई परीक्षा में नकल के एक से बढ़कर एक हथकंडे अपनाते हैं. मुन्नाभाई डिवाइस की मदद से नकल कर कामयाबी को पक्का करना चाहते हैं. इसके लिए बहुत होशियारी से तैयारी करते हैं, मगर यही होशियारी उन पर कभी-कभी भारी पड़ जाती है.
पटना: मुन्नाभाई परीक्षा में नकल की अनोखी तरकीब अपनाते रहते हैं. अपनी कामयाबी को सुनिश्चित बनाने के लिए आज कल डिवाइस का सहारा लेना बहुत ही आम हो गया. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है मुजफ्फरपुर में जिससे पता चलता है कि मुन्नाभाई ने नकल की पक्की तैयारी कर ली थी मगर आखिरकार उसकी होशियारी पकड़ी गयी.
अंडरवियर में मोबाइल और कान में इयरफोन
जही हां, बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान कुछ ऐसा मामला सामने आया जिससे परीक्षार्थी की चालाकी का पता चल रहा है. मुजफ्फरपुर में पटना निवासी धनंजय पुलिस की लिखित परीक्षा दे रहा था. लोगों की नजर से बचने के लिए परीक्षार्थी ने मोबाइल अंडरवियर के अंदर और इयरफोन कान में लगा रखा था. मिठनपुरा में परीक्षा केंद्र पर परीक्षा बहुत ही चालाकी से नकल कर रहा था. इस बीच उसके साथ कुछ ऐसा हुआ कि मुन्नाभाई की चालाकी का पर्दाफाश हो गया.
परीक्षा देते वक्त मुन्नाभाई कुछ बड़बड़ा रहा था. इस पर परीक्षा केंद्र के हॉल में तैनात कर्मियों को कुछ शक हुआ. इसी बीच उसके कान में दर्द होने लगा. जिसकी शिकायत उसने कर्मियों से की. छानबीन में कर्मियों का शक पक्का हो गया. जिसके बाद आरोपी भागने की कोशिश करने लगा. अफरातफरी के बीच उसका इयरफोन कान में घुस गया. केंद्राधीक्षक ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी. पुलिस ने परीक्षा में नकल करने के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया.
मिठनपुरा के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर निसार अहमद ने बताया, “हमें एक परीक्षार्थी के बारे में सूचना मिली थी. परीक्षार्थी कान में इयरफोन लगाकर नकल करते हुए पकड़ा गया था. उसे कान में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल भेज दिया गया है. साथ ही उसके खिलाफ नकल करने का केस दर्ज कर लिया गया है.”
बिहार में आयोजित होनेवाली परीक्षा शायद ही कभी विवादों से खाली रही हो. बात चाहे आम परीक्षा की हो या फिर प्रतियोगी परीक्षा की. शुरू से लेकर आखिर तक उस पर विवाद का साया मंडराता रहता है. परीक्षा के दौरान जहां मुन्ना भाई नकल करने के लिए नई नई तरकीब अपनाते हैं तो वहीं कदाचार मुक्त परीक्षा संपन्न होने के बाद भी मामला अदालत की दहलीज तक पहुंच जाता है.