सऊदी अरब में पवित्र हज /उमरा यात्रा कराने के नाम पर आरोपी ने भोले भाले लोगों से करोड़ों रुपए की एक बार नहीं दो बार धोखाधड़ी की. दिलचस्प है कि आरोपी अपने बयानों में कहता है कि उसने पहली बार की धोखाधड़ी का पैसा वापस करने के लिए दूसरी बार धोखाधड़ी की थी लेकिन वह दोनों ही बार किसी को वीजा नहीं मिला पाया था, क्योंकि जिन लोगों से उसने सेटिंग की थी या तो वह मर गए थे या उनका ट्रांसफर हो गया था या फिर उसके पैसे लेकर भाग गए थे.
दक्षिण पूर्वी जिला पुलिस के मुताबिक इंतजार सैयद मेहंदी नाम का यह शख्स बस्ती हजरत निजामुद्दीन में टूर ऑपरेटर के तौर पर काम करता था. उसने इलाके के लोगों को भरोसा दिलाया कि वह उनके लिए पवित्र यात्रा हज उमरा जाने के लिए वीजा का बंदोबस्त कर देगा. आरोप है कि उसने इस वीजा बंदोबस्त के लिए प्रति व्यक्ति 3 से 4 लाख रुपये वसूले और लगभग 50 से ज्यादा व्यक्तियों से उसने यह रकम वसूली और उसके बाद गायब हो गया. इस मामले के एक पीड़ित इरशाद अहमद ने इस बारे में अपनी शिकायत थाना हजरत निजामुद्दीन में दर्ज कराई जिसमें उसने बताया कि आरोपी ने उससे भी लगभग 3 लाख रुपये लिए थे. हजरत निजामुद्दीन थाना पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की और जब आरोपी के मोबाइल आदि को इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस पर लिया गया तो पता चला कि वह अपने रिश्तेदार के यहां उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में छुपा हुआ है.
ना वीजा दिलाया और ना ही पैसे वापस किए
सूचना के आधार पर पुलिस ने वहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गिरफ्तारी के बाद आरोपी को थाने लाया गया. उससे पूछताछ की गई, इस पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह इस धंधे में साल 2010 से था साल 2015 में उसकी मुलाकात सऊदी अरबिया एम्बेसी के वीजा सेक्शन में तैनात अधिकारी फखरुद्दीन उमर अंसारी से हुई, जिसने उसकी मुलाकात एंबेसी में ही तैनात एक सऊदी अरब नेशनल से कराई जो सुरक्षा अधिकारी के तौर पर काम देखता था. आरोपी के बयान के मुताबिक इन दोनों ने उसे आश्वासन दिया कि वह 60 लाख रुपये के बदले उसे 55 वीजा दे देंगे लेकिन साल 2016 में सऊदी अरब का वह सुरक्षा अधिकारी वापस अपने देश ट्रांसफर हो गया जबकि वीजा अफसर फखरुद्दीन उमर अंसारी की मौत हो गई. जिसके चलते उसने जिन लोगों से पैसे लिए थे ना तो वे उन्हें वीजा दिला पाया और ना ही उनके पैसे वापस कर पाया.
आरोपी के बयान के मुताबिक दिलचस्प यह है कि साल 2017 -2018 में उसने फिर सऊदी एंबेसी की एक दूसरे मिडिलमैन से संपर्क स्थापित किया और उससे हज यात्रा के लिए वीजा दिलवाने के लिए कहा. आरोपी का कहना है कि इस बीच उसने पिछली बार जिन लोगों के पैसे लिए थे और नहीं लौटा पाया था उन्हें वापस करने के लिए नए लोगों से पैसे ले लिए और उनमें से 10लाख रुपए मिडिलमैन को भी दे दिए. लेकिन इस बार मिडिलमैन भाग गया और वह फिर कोई भी वीजा किसी को नहीं दिला पाया. और इस बार भी वह किसी के पैसे वापस नहीं कर पाया लिहाजा खुद भी दिल्ली छोड़ कर भाग गया. जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला है कि आरोपी को आंध्र पदेश पुलिस की एटीएस एक मनी ट्रांसफर केस में पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है. फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
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