नई दिल्लीः हाल ही में एक 35 वर्षीय व्यक्ति रातोंरात चर्चा में आ गया. दरअसल, 3 दिसंबर को एक आदमी राजनाथ सिंह के काफिले के आगे आ गया. पुलिस ने इस आदमी को पकड़ लिया और उसके मानसिक रूप से अस्थिर होने का संदेह बताया है. मंगलवार को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर का रहने वाला विशम्भर दास गुप्ता संसद के पास सड़क पर लेट गया ये उस समय हुआ जब देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का काफिला आ रहा था.
विशम्भर दास गुप्ता के रूप में पहचाने जाने वाले व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है और उसे संसद मार्ग थाने में ले जाया गया है.
विशम्भर दास गुप्ता ने दावा किया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहते थे क्योंकि उसे अपने आधार कार्ड में नाम बदलवाना था. पुलिस ने कहा कि जब काफिला संसद के पास था तो इस आदमी ने दोपहर करीब सवा दो बजे सड़क पर लेट गया, उसने कहा कि उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की अनुमति दी जाए क्योंकि वह आधार कार्ड में अपना नाम बदलना चाहता था.
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आखिर कैसे बनाएं आधार कार्ड?
1. सबसे पहले अपने नजदीकी आधार केन्द्र का पता लगाएं.
2. आधार सेंटर पर ऑनलाइन एप्वाइंटमेंट की सुविधा है, इसलिए पहले से ही एप्वाइंटमेंट ले लें, ताकि आपका कीमती समय बेजा बर्बाद न हो
3. ऑनलाइन एप्वाइंटमेंट के लिए UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट
https://uidai.gov.in/ पर जाएं.
4. अपनी पहचान आधार सेंटर पर साबित करने के लिए एड्रेस प्रूफ के लिए वोटर आइडी कार्ड, राशन कार्ड और पैन कार्ड ले जाएं. यहां शर्त ये है कि जो भी डाक्यूमेंट आप जमा करेंगे वो कम से कम 6 महीने पुराने होने चाहिए.
5. सेंटर से आधार बनवाने के लिए भरे जाने वाले फॉर्म लें और उसमें सावधानी से अपनी सारी जानकारी भरें.
6. फार्म भरकर जमा करने के बाद बॉयोमैट्रिक डेटा लिया जाता है. इसमें दसों उंगलियों के फिंगर प्रिंट, आंख की आइरिस की डेटा और तस्वीर ली जाती है.
7. तमाम ऊपर लिखित जानकारी सबमिट करने के बाद आधार सेंटर पर बैठे अधिकारी के द्वार कार्ड बनवाने वाले को 14 अंकों का एक एकनॉलेजमेंट स्लिप दिया जाता है. इसके सहारे आधार कार्ड कब बनकर तैयार हो जाएगा इसकी जानकारी ली जा सकती है.
8. इसी स्लिप पर दर्ज 14 अंकों के नंबर के जरिए बाद में आधार कार्ड डिजिटली निकाला जा सकता है.
ऊपर नंबर- 4 में एड्रेस प्रूफ में बताए गए डाक्यूमेंट्स में से नीचे लिखे गए किसी भी डाक्यूमेंट के सहारे आधार कार्ड बनावाया जा सकता है. सारे डाक्यूमेंट्स की जानकारी नीचे पढ़ें.
1. पहचान साबित करने के डाक्यूमेंट्स
सबसे प्राइमरी डाक्यूमेंट पहचान पत्र को माना जाता है. पहचान पत्र में व्यक्ति की तस्वीर लगी होती है. पहचान के लिए जरूरी दस्तावेज में शामिल हैं- पासपोर्ट, राशन कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइवरी लाइसेंस, वोटर आइडी, मनरेगा जॉब कार्ड, सरकारी नौकरी का फोटो आइडी कार्ड, बंदूक का लाइसेंस, मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान ने मिला हुआ आइडी कार्ड, फोटो क्रेडिट कार्ड, फोटो युक्त एटीएम कार्ड, किसान फोटो पासबुक, पेंशन फोटो कार्ड और स्वतंत्रता सैनानियों को मिले हुए कार्ड.
2.एड्रेस के लिए डाक्यूमेंट्स-
एड्रेस प्रूफ में वैसे डाक्यूमेंट्स को मान्यता दी जाती है जिसके ऊपर व्यक्ति का एड्रेस लिखा रहता है. इन डाक्यूमेंट्स में बैंक खाते का पासबुक, राशन कार्ड, पासपोर्ट, पोस्ट ऑफिस का पासबुक, वोटर आइडी, ड्राइवरी लाइसेंस, पानी का बिल, जमीन का रशीद (तीन महीने से पुराना नहीं), टेलीफोन बिल, इंश्योरेंस पॉलिसी, मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से मिला हुआ पत्र, स्वतंत्रता सैनानियों को मिला हुआ कार्ड, किसान पासबुक, गजेटेड अधिकारियों के द्वारा जारी पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, गैस कनेक्शन का बिल इत्यादि.
3. डेट ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट-
इसमें वैसे डाक्यूमेंट्स को रखे जाते हैं जिनमें व्यक्ति का जन्म तिथि अंकित रहता है. ऐसे डाक्यूमेंट्स हैं- बर्थ सर्टिफिकेट, 10वीं क्लास का मार्कशीट, पासपोर्ट, पैन कार्ड, गजेटेड अधिकारियों के द्वारा जारी बर्थ सर्टिफिकेट, सरकारी आइडी जिसपर बर्थडे लिखा हो, सरकारी हेल्थ सर्विस से जुड़ा कोई व्यक्तिगत आइडी इत्यादि.
4. प्रूफ ऑफ रिलेनशिप-
इस डाक्यूमेंट की जरूरत ज्यादातर तभी होती है जब किसी छोटे बच्चे का आधार कार्ड बनाना हो. इसमें प्रूफ ऑफ रिलेनशिप पासपोर्ट, मनरेगा कार्ड, राशन कार्ड, पेंशन कार्ड, सरकारी मेडिकल कार्ड, मैरिज सर्टिफिकेट इत्यादि डाक्यूमेंट्स को मान्यता मिली हुई है.