अमरोहा: हिंदू समाज में मृत्यु के बाद तेरहवीं करना, हवन करना और भोज देना आम बात है. अमरोहा के एक टीचर ने अपने तोते की मृत्यु पर ये सभी काम किए और अब इसकी चर्चा पूरे इलाके में हो रही है. 5 साल पहले उन्हें ये तोता घायल स्थिति में मिला था. उन्होंने तोते का इलाज कराया था और अपने साथ ही रख लिया था. धीरे-धीरे ये तोता उनके परिवार के स्दस्य की तरह हो गया. तोते की मृत्यु से पूरा परिवार दुखी नज़र आ रहा था.

लोग अपने पालतू पशु-पक्षियों से काफी प्यार करते हैं लेकिन जो प्यार पंकज कुमार ने दिखाया है ऐसा कम ही देखने को मिलता है. अमरोहा के हसनपुर में रहने वाले पंकज कुमार ने धार्मिक रीति रिवाजों का पालन करते हुए तोते के लिए हवन-पूजन कराया और बाकायदा मृत्यु-भोज का आयोजन भी किया. इलाके के लोग भी उनके इस प्रेम को देख कर अभिभूत नजर आए. उनका कहना था कि लोग कई बार तो अपने परिवार के लिए भी ऐसा नहीं करते लेकिन पंकज ने एक मिसाल कायम की है.

पंकज ने बताया,"यह तोता मुझे करीब 5 साल पहले घायल स्थिति में मिला था. एक चील इसकी जिंदगी खत्म करना चाहती थी. चील के पंजों से छूट कर यह मेरे पास आया. मैंने अपने बच्चे की तरह इसका इलाज कराया और तभी से यह मेरे साथ था. यह हमारे परिवार का हिस्सा बन गया था."

पंकज ने कार्ड छपवा कर लोगों को इस आयोजन में बुलाया और पंडित से तोते के लिए हवन पूजन भी कराया. पंकज के परिवार के लोग अपने प्यारे मिट्ठू के यूं चले जाने से काफी गमगीन नज़र आए. इस कार्यक्रम में शामिल होने आए लोग पंकज की दाद देते नज़र आए.