नई दिल्ली: स्वदेश निर्मित मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) का रविवार को अहमदनगर रेंज से दूसरी बार सफल उड़ान परीक्षण किया गया. सेना ने यह जानकारी दी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया और 15 और 16 सितंबर को दो मिसाइलों का सफलतापूर्वक विभिन्न रेंजों के लिए परीक्षण किया गया, जिनमें अधिकतम सीमा क्षमता शामिल है.


रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने डीआरडीओ की टीम, भारतीय सेना और संबंधित उद्योग जगत को एमपीएटीजीएम की इस दोहरी सफलता के लिए बधाई दी. आपको बता दें कि ये दुनिया की सबसे अच्छी मिसाइलो में शामिल है और सफल परीक्षण के बाद इसे फ्रांस निर्मित उन मिसाइलों की जगह पर इस्लेमाल किया जाएगा जिन्हें भारत इससे पहले इस्तेमाल करता आया है.


वहीं, इसके आने के बाद सोवियत रूस के दौर से इस्तेमाल हो रही मिसाइलों को भी रिप्लेस कर दिया जाएगा. इसे अभी आधिकारिक नाम दिया जाना बाकी है. इससे मेक इन इंडिया की मुहिम को भी काफी बल मिलने की बात कही जा रही है. आपको ये भी बता दें कि भारत के पास पहले से स्वदेश निर्मित नाग मिसाइल है जिसे दुश्मन का टैंक मार गिराने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.


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