Fake ISRO Scientist: चंद्रयान-3 का लैंडर डिजाइन करने का दावा कर रहा था शख्स, गिरफ्तार हुआ नकली ISRO वैज्ञानिक
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने इसरो का ज्वॉइनिंग लेटर भी दिखाया, लेकिन स्पेस एजेंसी से संपर्क करने पर पता चला कि वह फर्जी है. छात्रों को आकर्षित करने के लिए वह खुद को इसरो का वैज्ञानिक बताता था.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिक के रूप में खुद को कथित तौर पर पेश करने के लिए एक टीचर को मंगलवार (30 अगस्त) को गुजरात के सूरत में गिरफ्तार किया गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस व्यक्ति ने खुद को वैज्ञानिक बताते हुए सूरत में मीडिया के सामने दावा किया था कि उसने मिशन मून चंद्रयान-3 के लिए लैंडर मॉड्यूल का डिजाइन तैयार किया था.
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी मितुल त्रिवेदी की उम्र 30 साल के आसपास है और सूरत में अपनी ट्यूशन क्लासेज के लिए छात्रों को आकर्षित करने के मकसद से खुद को इसरो का वैज्ञानिक बताता था. एक अधिकारी ने बताया कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के मॉड्यूल को डिजाइन करने का दावा करते हुए विक्रम लैंडर के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद स्थानीय मीडिया को इंटरव्यू देते हुए देखे जाने पर त्रिवेदी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी.
फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिखाया
अधिकारी ने कहा कि त्रिवेदी ने इसरो के प्राचीन विज्ञान अनुप्रयोग विभाग के सहायक अध्यक्ष के रूप में खुद को पेश किया और एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिखाया. पुलिस ने एक बयान में कहा, 'गहन जांच से पता चला कि वह व्यक्ति किसी भी तरह से इसरो के चंद्रयान-3 मिशन से जुड़ा नहीं था और उसने इसरो कर्मचारी होने का झूठा दावा किया था.' बयान के मुताबिक, महत्वाकांक्षी परियोजना में योगदान नहीं देने के बावजूद उसने इसरो के बारे में फर्जी संदेश फैलाए, जिससे बेंगलुरु मुख्यालय वाली संस्था की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा.
आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज
इसके अनुसार सूरत शहर की अपराध शाखा ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज को वास्तविक के रूप में इस्तेमाल करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने बताया कि त्रिवेदी एक निजी शिक्षक है, जो अपनी ट्यूशन कक्षाओं में छात्रों को आकर्षित करने के लिए मीडिया के सामने खुद को इसरो वैज्ञानिक के रूप में पेश करता था.
एमकॉम और बीकॉम की डिग्री होने का दावा
उन्होंने कहा, 'हमने इसरो से संपर्क किया जिसने कहा कि प्रथमदृष्टया आरोपी द्वारा दिखाया गया पत्र उसके द्वारा जारी नहीं किया गया था. अंतरिक्ष एजेंसी जल्द ही विस्तृत जवाब भेजेगी.' यह पूछे जाने पर कि उन्होंने खुद को वैज्ञानिक के रूप में क्यों पेश किया, सिंघल ने कहा कि आरोपी ट्यूशन कक्षाएं संचालित करता है और ऐसा दावा करने से उसे अधिक छात्रों को आकर्षित करने में मदद मिलती. पुलिस अधिकारी ने कहा, 'उसने दावा किया कि उसके पास बीकॉम और एमकॉम की डिग्री है.'