कोलकाता: करीब 30 साल पहले ममता बनर्जी पर हमला करके उनका सिर फोड़ने वाले आरोपी को कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया है. लालू आलम नाम के आरोपी को सबूतों के अभाव में कोलकाता की एक अदालत ने बरी कर दिया. ममता बनर्जी पर जब हमला हुआ था उस वक्त वह पश्चिम बंगाल यूथ कांग्रेस की नेता थीं.
अंजाम पर नहीं पहुंचा मामला, बंद किया जाए- वकील
अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश पुष्पल सतपति ने अभियोजन की एक याचिका पर यह आदेश पारित किया है. अभियोजन ने कहा कि मामले को बंद कर दिया जाए, क्योंकि अब तक अंजाम पर नहीं पहुंच पाए मुकदमे का समय बीत चुका है और बीते सालों में कई गवाह और मामले में आरोपी दिवंगत हो चुके हैं.
लोक अभियोजक राधाकांत मुखर्जी ने बताया कि बचाव पक्ष के वकील और आलम को सुनने के बाद अदालत ने पाया कि सबूतों के अभाव में उसे बरी किया जा सकता है. 16 अगस्त 1990 को तब युवा कांग्रेस की नेता बनर्जी पर हमला हुआ था और वह गंभीर रूप से घायल हो गयी थीं. इलाज के लिए कई दिन तक उन्हें अस्पताल में रहना पड़ा था.
11 आरोपियों की या तो मौत हो गयी या उनका पता नहीं चल पाया- वकील
तत्कालीन माकपा नेता बादशाह आलम के भाई लालू आलम और अन्य के हमलों के बाद ममता बनर्जी से जुड़ा यह मामला सुर्खियों में आ गया था. मुखर्जी ने कहा कि मामले में लालू जमानत पर था जबकि 11 अन्य आरोपियों की या तो मौत हो गयी या उनका पता नहीं चल पाया.
लोक अभियोजक मुखर्जी ने न्यायाधीश सतपति से कहा कि घटना के 30 साल हो चुके हैं और मुकदमा किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है, इसलिए अदालत फैसला कर सकती है. लोक अभियोजक ने अदालत से यह भी कहा कि प्रक्रिया कुछ और साल तक चलती रहेगी और इससे मामले से जुड़ा हर कोई परेशान होता रहेगा.
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