मंदसौर (MP): मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों पर की गई पुलिसिया गोलीबारी की जांच के लिए गठित जस्टिस जेके जैन आयोन ने प्रशासन को क्लीनचिट दे दी है. नौ महीने की देरी से आई रिपोर्ट में कहा गया है कि मंदसौर में किसानों के प्रदर्शन के दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की कार्रवाई जरूरी और न्यायसंगत थी. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने गोलियां चलाने वक्त नियमों का पालन नहीं किया, पहले पांव पर गोली चलानी चाहिए थी.
11 जून को बंद लिफाफे में मुख्य सचिव को सौंपे गये रिपोर्ट से जिलाधिकारी स्वतंत्र कुमार और एसपी ओपी त्रिपाठी को थोड़ी राहत मिल सकती है. दोनों पर लगे आरोपों पर रिपोर्ट में बस इतना कहा गया था पुलिस और जिला प्रशासन का सूचना तंत्र कमजोर और आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण आंदोलन उग्र हुआ.
गौरतलब है कि पिछले साल 6 जून को पुलिस की गोलीबारी में छह किसानों की मौत हुई थी जबकि एक किसान ने पुलिस की पिटाई से दम तोड़ दिया था. पुलिसिया कार्रवाई के बाद मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार की खूब आलोचना हुई थी. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार किसानों विरोधी सरकार है. छह जून को मंदसौर गोलीकांड की पहली बरसी पर कांग्रेस ने बड़े स्तर पर रैलियों का आयोजन किया था. इस मौके पर राहुल गांधी भी मौजूद थे.
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