मंदसौर गैंगरेप: अस्पताल में पीड़ित बच्ची की जिद, "मुझे घर जाना है"
एमवायएच प्रशासन का कहना है कि पीड़ित बच्ची को अस्पताल से छुट्टी देने के बारे में विशेषज्ञ डॉक्टरों की समिति गठित कर उचित फैसला किया जाएगा.
इंदौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर में गैंगरेप पीड़िता सात साल की स्कूली छात्रा ने यहां के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) से अपने घर जाने की जिद पकड़ ली है. हालांकि, एमवायएच प्रशासन का कहना है कि पीड़ित बच्ची को अस्पताल से छुट्टी देने के बारे में विशेषज्ञ डॉक्टरों की समिति गठित कर उचित फैसला किया जाएगा. बच्ची मंदसौर से करीब 200 किलोमीटर दूर इंदौर के एमवायएच में 27 जून की रात से भर्ती है.
एमवायएच के अधीक्षक वीएस पाल ने कहा, "बच्ची बार-बार कह रही है कि उसे अस्पताल से घर जाना है. हम विशेषज्ञ डॉक्टरों की समिति गठित करने के बाद इसकी रिपोर्ट के आधार पर तय करेंगे कि उसे अस्पताल से कब छुट्टी दी जाए. इस समिति में उन डॉक्टरों को शामिल किया जायेगा जो एमवायएच में बच्ची का इलाज कर रहे हैं." पाल के मुताबिक एमवायएच में पिछले 12 दिन से भर्ती बच्ची की शारीरिक सेहत में काफी सुधार हो चुका है और वह मानसिक रूप से भी स्थिर है. उन्होंने मीडिया के एक तबके में आई इन खबरों को खारिज किया कि बच्ची को एक आंख से साफ नहीं दिखाई दे रहा है.
एमवायएच अधीक्षक ने कहा, बच्ची की आंख में इस तरह की कोई दिक्कत नहीं है. नेत्र रोग विभाग के डॉक्टर बाकायदा उसका परीक्षण भी कर चुके हैं. मंदसौर में बच्ची को 26 जून की शाम कथित तौर पर लड्डू खिलाने का लालच देकर अगवा कर लिया गया, जब वह स्कूल की छुट्टी के बाद पैदल अपने घर जा रही थी. सामूहिक बलात्कार के बाद कक्षा तीन की इस छात्रा को जान से मारने की नीयत से उस पर धारदार हथियार से हमला भी किया गया था. वह 27 जून की सुबह शहर के बस स्टैंड के पास झाड़ियों में लहूलुहान मिली थी. मामले में पुलिस ने इरफान (20) और आसिफ (24) को गिरफ्तार किया था.