नई दिल्ली: मानेसर जमीन घोटाले मामले में ईडी ने अपना दूसरा पूरक आरोपपत्र विशेष अदालत के सामने पेश कर दिया है. इस आरोपपत्र मे निजी कंपनियों और बिल्डरों समेत कुल 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है. ईडी का दावा है कि इस मामले में 108 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जप्त भी की गई है. जिन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है उनमें अतुल बंसल, श्रीमती सोना बंसल, दिलीप लालवानी, शशिकांत चौरसिया, वरिंदर उप्पल, विजय उप्पल, विनय उप्पल, रविंद्र तनेजा, एबी डब्लू इंफ्रास्ट्रक्चर, विजडम रिलेटेड प्राइवेट लिमिटेड और एबी रेफकांस इंफ्रास्ट्रक्चर आदि शामिल हैं.


ईडी अधिकारियों के मुताबिक, मानेसर गुड़गांव पुलिस और उसके बाद सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा चंडीगढ़ द्वारा हरियाणा सरकार के अज्ञात लोक सेवकों और अज्ञात निजी व्यक्तियों के खिलाफ की गई एफआईआर के आधार पर मानेसर जमीन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की गई. इसकी प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया था कि हरियाणा सरकार के अधिकारियों द्वारा गांव मानेसर नौरंगपुर और लखनोला इलाके में जमीन अधिग्रहण करने की एक अधिसूचना जारी की. इस अधिसूचना की आड़ में इलाके के लोगों में यह फैलाया गया कि सरकार बहुत जल्दी ही किसानों की जमीन अधिग्रहित करने जा रही है.


सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहित करने को लेकर चलाई गई गलत सूचनाओं के आधार पर बड़ी संख्या में भूमि मालिकों ने अपनी लगभग 400 एकड़ जमीन निजी बिल्डरों को बेच दी. आरोप है कि इसके बाद हरियाणा सरकार के अधिकारियों की मिलीभगत से एक और अधिसूचना जारी की गई जिसमें इस इलाके में औद्योगिक मॉडल टाउनशिप स्थापित करने की बात कही गई. इस मामले में आरोप है कि बिल्डरों द्वारा और निजी कंपनियों द्वारा स्थानीय लोगों को गलत तरीके से फंसाया गया उनकी जमीनों को ओने पौने दामों में खरीद लिया गया इसके बाद यह जमीन निजी कंपनियों और अन्य बिल्डरों को बेच दी गई.


बाद में इस जमीन के दाम आसमान पर चढ़ गये और इसके चलते निजी कंपनी और बिल्डरों को बड़े पैमाने पर फायदा हुआ और स्थानीय किसानों को खासा नुकसान हुआ. यह मामला कोर्ट में भी गया और उसके बाद इस मामले में स्थानीय पुलिस और फिर सीबीआई ने भी मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. जांच के दौरान यह पाया गया कि यह पूरी साजिश एक सोची-समझी प्रक्रिया के तहत की गई थी. इसमें सरकारी अधिकारियों से लेकर बिल्डर और निजी कंपनियां शामिल थे. इस मामले में ईडी अपना एक आरोपपत्र पहले भी दाखिल कर चुका है.


दिल्ली में सस्ती होगी शराब, 10 जून से नहीं लगेगी 70% 'स्पेशल कोरोना फीस'