Mangaluru Blast Case: मेंगलुरु में एक चलते ऑटो रिक्शा में हुए ब्लास्ट को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने एक्ट ऑफ टेरर यानी एक आतंकवादी कृत्य बताया. साथ ही उन्होंने दावा किया कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा. 


कनार्टक के सीएम बसवराज बोम्मई बेल्लारी में एसटी कन्वेंशन में पहुंचे थे. इस दौरान  मीडिया के मेंगलुरु में हुए ऑटो रिक्शा ब्लास्ट केस को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा, ''यह एक्ट ऑफ टेरर है. ऐसे नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म कर देंगे.'' कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद भी एक्ट ऑफ टेरर बता चुके हैं. 


मामला क्या है?
ऑटो रिक्शा में विस्फोट एक थाने के पास शनिवार(19 नवंबर) शाम को हुआ, जिसमें एक यात्री और चालक घायल हो गया. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ब्लास्ट एक कुकर में हुआ जिसमें डेटोनेटर, तार और बैटरी लगी हुई थीं. 


कांग्रेस पर निशाना
बीजेपी का एसटी कन्वेंशन (अनुसूचित जनजाति) में उसी शहर बेल्लारी में हो रहा जहां कि भारत जोड़ो यात्रा के 1000 किलोमीटर होने पर कांग्रेस की रैली हुई थी. आज उसी शहर में बीजेपी का यह एक मेगा कार्यक्रम, रैली और जनसभा हुई, जो बीजेपी के लिए अनुसूचित जनजाति (ST) के समर्थन मिलने की परीक्षा थी. इसमें लाखों लोग शामिल हुए. 


मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के अलावा राज्य के तमाम बड़े नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए. शहर की हर गली नुक्कड़ आज भगवा रंग में रंगे हुए दिखाई दी.  इस दौरान पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा, सीटी रवि, अरुण सिंह और श्रीरामुलु भी मौजूद रहे.  


बसवराज बोम्मई ने क्या कहा? 
सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि हमारी सरकार ने एससी और एसटी समुदायों को अधिक सुविधाएं दी है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आजादी के बाद एसटी समुदाय के लिए आरक्षण बढ़ाया. उन्होंने कांग्रेस की रैली पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस ने बेल्लारी के एक छोटे से मैदान में जोड़ो यात्रा सम्मेलन आयोजित किया और इसे सुनामी बता दिया. अब आओ और देखो कैसी सुनामी होती है. उन्होंने बताया कि बेल्लारी के लिए सोनिया गांधी ने जिले को तीन हजार करोड़ रुपये पैकेज की घोषणा की थी. हालांकि जीतने के बाद उन्होंने तीन रुपये नहीं दिए. बेल्लारी की जनता को धोखा देने के लिए कांग्रेस को इस बार उचित सबक सिखाया जाना चाहिए. 


बीजेपी का क्या प्लान है?
जाहिर है कि अपने भाषण के जरिए सीएम बसवराज बोम्मई ने न सिर्फ बेल्लारी बल्कि आसपास के जिलों से भी अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति(ST) के समुदाय को साधने की कोशिश की. इसमें कोई दो राय नहीं कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अब 6 महीने से भी कम का समय बचा है. ऐसे में बीजेपी को अगर चुनाव जीतना है तो अनुसूचित जनजाति का समर्थन बेहद ही जरूरी है.


कर्नाटक के जाति समीकरण की बात करें तो पांरपरिक तौर पर लिंगायत समुदाय कर्नाटक में सत्ता की चाबी पर अपना दबदबा रखता है. लिंगायत समुदाय बीजेपी का वोटर भी रहा है. हालांकि इसके साथ ही अगर एससी और एसटी का भी पार्टी समर्थन मिल जाएगा तो चुनाव जीतना आसान हो सकता है.  


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