Suranya Aiyar On RWA Notice: कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर और उनकी बेटी सुरन्या अय्यर को रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने दिल्ली के जंगपुरा में उनका घर खाली करने के लिए नोटिस भेजा था. इस पर सुरन्या अय्यर ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो में कहा कि ये आरडब्ल्यूए ऐसी कॉलोनी की है, जहां मैं नहीं रहती. 


वहीं, इस संबंध में बीजेपी ने कहा कि आरडब्ल्यूए की कार्रवाई उन सभी के लिए एक संदेश की तरह काम करनी चाहिए, जो मानते हैं कि हिंदू मान्यताओं का अपमान करना आसान है. बीजेपी आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आरडब्ल्यूए ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर और उनकी बेटी से राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर अपशब्द कहने पर माफी मांगने और आवासीय कॉलोनी छोड़ने के लिए कहा है."


रामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर की थी पोस्ट
गौरतलब है कि रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने 22 जनवरी को अयोध्या में हुए रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह की निंदा करने वाली उनकी एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर उन्हें घर खाली करने का नोटिस भेजा था. 






नोटिस में आरडब्ल्यूए अध्यक्ष ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई उनकी पोस्ट को लेकर कॉलोनी के निवासियों ने एसोसिएशन से संपर्क किया था. इसमें कहा गया है कि हम ऐसे अपशब्दों को बढ़ावा नहीं दे सकते हैं, जो कॉलोनी में शांति भंग कर सकते हैं या जिससे यहां रहने वालों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है.


आरडब्ल्यूए ने सुरन्या पर हेट स्पीच का आरोप लगाया
आरडब्ल्यूए ने सुरन्या पर हेट स्पीच का आरोप लगाया और उनसे एक अच्छे नागरिक के मानदंडों का पालन करने का अनुरोध किया. इसमें दावा किया गया कि कॉलोनी में विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत आए निवासी रहते थे.
 
इस पोस्ट को लेकर उस समय विवाद तब खड़ा हुआ जब 49 साल की महिला ने 20 जनवरी को एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया था कि सुरन्या राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के विरोध में उपवास कर रही थीं. 


सुरन्या की पोस्ट अशोभनीय
आरडब्ल्यूए ने कहा कि सुरन्या अय्यर ने सोशल मीडिया के माध्यम से जो कहा वह एक शिक्षित व्यक्ति के लिए अशोभनीय था ,उन्हें यह समझना चाहिए था कि राम मंदिर 500 साल बाद बनाया जा रहा है और वह भी 5-0 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद.


आरडब्ल्यूए के नोटिस को लेकर सुरन्या ने कहा, "मैंने अपने घर में शांतिपूर्वक उपवास करके इस बारे में अपना दर्द बयां किया था. हम जब भी कोई दृष्टिकोण सामने रखते हैं, तो क्या लोग उसमें कोई सेंस देखते हैं. हम इन चीजों के बारे में अधिक सोच-विचार, बात करने और महसूस करने का एक बेहतर तरीका हासिल कर सकते हैं." 


इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने विदेश में पढ़ाई की है और वह सभी राजनीतिक बैकग्राउंड के लोगों के साथ सक्रियता से जुड़ी रही हैं. मणिशंकर अय्यर ने अभी तक इस विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं की है.


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