केंद्र और किसान संगठनों के बीच चौथे दौर की बातचीत फेल हो गई. किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और 21 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है. इन सबके बीच ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने किसान आंदोलन के बीच कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर आपत्ति जताई है. बिट्टा ने कहा कि दुनिया हिंदुस्तान के पॉपुलर पीएम को सैल्यूट कर रही है. उनके लिए इस तरह का बर्ताव हम सहन नहीं कर सकते.
मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा, इंदिरा गांधी की शहादत हुई. इतिहास आपके सामने है. शरारती लोगों की गलती से दंगे हुए. क्या इतिहास के खूनी पन्ने को आप खोलना चाहते हैं. हिंदुस्तान के पॉपुलर पीएम को दुनिया सैल्यूट करती है. अमेरिका उनके लिए रेड कॉर्पेट बिछाता है. आपको अच्छा नहीं लगता तो आप गाली दीजिए. लेकिन आपके आंदोलन के अंदर प्रधानमंत्री के बारे में ये कहा जाता है कि पहले पंजाब में बच गया, हम इनको मार देंगे. तो क्या ये पगड़ी चुप रहेगी?
हमारा देश एक है, एक रहेगा- बिट्टा
बिट्टा ने कहा, ये गुरुओं का देश है. हद हो गई. हमारे पीएम को धमकी दी जा रही है, मारने की. इंदिरा गांधी को मार दिया गया. बेअंत सिंह को मार दिया गया. मैं किसानों की बात नहीं कर रहा है. लेकिन आंदोलन के बीच में घुसकर जो खालिस्तान के नारे लगाए, वे कभी बर्दाश्त नहीं होंगे. हमारा देश एक है, एक रहेगा.
उन्होंने कहा, पिछली बार 26 जनवरी को आंदोलन था. किसान नेताओं के हाथ में आंदोलन था. इनको दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत दी गई. 26 जनवरी का दिन था. दुनिया देख रही थी, पाकिस्तान देख रहा था. आंदोलन हाथ से निकल गया. किस किसने कहा कि हिंदुस्तान के पीएम को मार देंगे? क्या उसकी जांच और पहचान करेंगे किसान नेता? आपसे पीएम की लड़ाई हो सकती है, आपसे दुश्मनी हो सकती है. लेकिन जिस नरेंद्र मोदी ने 370 हटाई, जिस नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का निर्माण कराया, उस पीएम की तरफ कोई आंच आ गई, उस दिन हम जिंदा नहीं रहेंगे. उस दिन हमारी लड़ाई का आखिरी दिन होगा.
मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा, आंदोलन के नेता बातचीत करें, लेकिन लाल किले में जो हुआ, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. लाल किले में तैनात सुरक्षाकर्मियों को रौंदा गया, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. दिल्ली में अगर फिर ऐसा हुआ, तो दुनिया में क्या संदेश जाएगा. संदेश ये जाएगा कि हमारा देश टूट रहा है. यहां खालिस्तान की बात हो रही है. मैं भारतीय हूं. मेरा हक भारत है.