Manipur Legislative Assembly: मई से जारी हिंसा के बीच मणिपुर विधानसभा की एक दिवसीय सत्र की बैठक मंगलवार को हुई. बैठक शुरू होने के एक घंटे के भीतर ही कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाकर पांच दिन किए जाने की मांग को लेकर हंगामा किया. हंगामे के कारण मणिपुर विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी. पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह की अगुवाई में विपक्षी विधायकों ने कहा कि राज्य में जातीय हिंसा की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए एक दिन काफी नहीं है.


सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने पर, तीन मई को राज्य में मेइती और कुकी समुदायों के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. कुकी समुदाय के सभी दस विधायक सदन में अनुपस्थित रहे. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने संबोधन में कहा, ‘‘बड़े दुख के साथ हम हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति शोक जताते हैं. ऐसे वक्त में हिंसा में अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के लिए शब्द पर्याप्त प्रतीत नहीं होते है.’’


सदन के प्रस्ताव में क्या है?


सदन ने एक प्रस्ताव में कहा कि राज्य में साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए सभी मतभेदों को संवाद और शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए. प्रस्ताव में आगे कहा गया, ‘‘यह सदन जाति, समुदाय, क्षेत्र, धर्म या भाषा की परवाह किए बिना सभी लोगों की एकता और सौहार्द के लिए काम करने का संकल्प लेता है.'' प्रस्ताव में आगे कहा गया है, ''सदन यह भी संकल्प लेता है कि चूंकि शांति राज्य की प्राथमिकता है तो यह सदन संवाद और संवैधानिक माध्यमों से पूरे राज्य में शांति बहाल होने तक लोगों के बीच सभी मतभेदों को हल करने का प्रयास करता रहेगा.’’


सदन में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की हुई तारीफ 


सदन ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की भी प्रशंसा की और इस मिशन की अगुवाई करने वाले भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) के दल का हिस्सा रहे मणिपुर के वैज्ञानिक एन रघु सिंह को बधाई दी. इसके तुरंत बाद कांग्रेस विधायकों ने अपनी सीट से ‘‘मजाक बंद करो, लोकतंत्र को बचाओ’ के नारे लगाने शुरू कर दिए और मांग की कि राज्य में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र बुलाया जाए.


अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही की स्थगित  


विधानसभा अध्यक्ष टी. सत्यब्रत सिंह ने विपक्षी विधायकों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया, लेकिन हंगामा न थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी. आधे घंटे बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र बुलाने की मांग दोहराई और इसके पक्ष में नारे लगाने लगे.


विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हंगामे के बीच बैठक जारी रखना संभव नहीं है. इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी. राज्य सरकार ने पिछले महीने 21 अगस्त तक विधानसभा सत्र बुलाने की सिफारिश की थी, लेकिन बाद में राज भवन से मंजूरी न मिलने के बाद तारीख में संशोधन कर इसे 28 अगस्त तक बढ़ा दिया गया था. पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री कार्यालय ने घोषणा की कि विधानसभा सत्र 29 अगस्त को बुलाया जाएगा. पिछला विधानसभा सत्र मार्च में आयोजित किया गया था. नियमों के अनुसार हर छह महीने में विधानसभा का एक सत्र आयोजित करना होता है.


विधानसभा सत्र बुलाए जाने की हुई निंदा 


‘कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी’ (सीओटीयू) और ‘इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) ने हाल में विधानसभा सत्र बुलाए जाने की निंदा करते हुए कहा था कि कुकी-जो विधायकों के इसमें भाग लेने के लिए मौजूदा स्थिति अनुकूल नहीं है. दोनों संगठनों ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा था कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह चरमरा जाने और आम जनता तथा अधिकारियों की जान बचाने में राज्य सरकार की नाकामी को देखते हुए सदन की बैठक बुलाना ‘‘तर्क और विवेक से रहित है.’’


मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने शनिवार को कहा था कि आगामी 29 अगस्त को बुलाया जा रहा विधानसभा का एक दिवसीय सत्र दिखावा मात्र है और यह जनता के हित में नहीं है. मणिपुर में तीन मई को भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.


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