मणिपुर में विधानसभा चुनावों के लिए दो चरणों में मतदान किया जाएगा. पहले चरण में राज्य की 38 विधानसभा सीटों पर वोटिंग 28 फरवरी यानी सोमवार को होगी. अलग-अलग राज्यों में विधानसभा चुनावों के मुद्दे अलग-अलग होते हैं. कई क्षेत्रों में तो धर्म और जातिवाद भी हावी हो जाता है. हालांकि आज आपको मणिपुर के एक ऐसे क्षेत्र के बारे में बताएंगे, जहां वोटर्स के लिए अपना विकास, युवाओं और महिलाओं का कल्याण पहली प्राथमिकता है. इस विधानसभा क्षेत्र का नाम मोइरांग है और यहां के वोटर्स इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखकर वोट देने जाएंगे.


मणिपुर के मोइरांग में स्थित भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) का स्मारक कोविड-19 के कारण बंद किया गया था, जिसे अबतक जनता के लिए आधिकारिक तौर पर नहीं खोला गया है. इसी स्थान पर 14 अप्रैल 1944 को एनआईए ने पहली बार झंडा फहराया था. यहां चुनाव प्रचार पर जाने से पहले ‘वीआईपी आंगुतक’ और राजनीतिक कार्यकर्ता पुष्पांजलि अपर्ति करने के लिए आते रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जहां जनवरी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को लेकर काफी गहमागहमी थी, उससे काफी दूर इस छोटे शहर के मुख्य बाजार में लोग आजीविका कमाने और चुनावी गतिविधियों में हिस्सा लेने में मसरूफ हैं. उनके पास प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी के लिए समय फिलहाल थोड़ा कम ही दिखता है.


मतदाताओं के ज़ेहन में विकास और युवाओं एवं महिलाओं का कल्याण शीर्ष पर है. मतदाताओं को लगता है कि समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन की बेहतरीन क्षमता होने के बावजूद मोइरांग विधानसभा क्षेत्र पिछड़ गया है. यहां बाजार में फल विक्रेता लोंगजाम ओंगबी इबेम्चा ने कहा, "यह चुनाव किसी पार्टी को वोट देने के लिए नहीं है. यह मोइरांग के लिए विकास, खासकर सड़कों जैसे बुनियादी ढांचे को समर्थन देने के बारे में है. मुझे दुख है कि विकास के मामले में हमारा निर्वाचन क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में पिछड़ गया है."


एक अन्य महिला ने कहा, “ लोगों को उस उम्मीदवार को भी वोट देना चाहिए जो युवाओं और महिलाओं का कल्याण करे.” उनके तीन बच्चे हैं जो मणिपुर से बाहर पढ़ाई कर रहे हैं. बाजार में कपड़े का व्यापार करने वाली मोइरांगथेम प्रभा ने कहा, “ उम्मीदवारों के पिछले रिकॉर्ड एक अच्छे संकेतक हैं. मैं इस आधार पर अपना चयन करूंगी कि किसने सबसे अधिक काम किया है, खासकर यहां बाजार में महिलाओं के लिए.” पूछा गया क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सम्मानित करने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए कदम जैसे इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करने की योजना का उनके फैसले पर असर पड़ेगा, इबेम्चा ने कहा, "हम आईएनए स्मारक के महत्व की सराहना करते हैं लेकिन यह चुनाव हमारे कल्याण के बारे में है."


उनके साथ सहमति जताते हुए, इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा चलाने वाले एल बंकिमचंद्र ने कहा, "मैं स्मारक के अंदर कभी नहीं गया लेकिन मैं इसके महत्व की सराहना करता हूं. यह एक कारण है कि बाहरी दुनिया मोइरांग को पहचान सकती है लेकिन जब मतदान की बात आती है, तो हमें चुनना होगा कि हमारे लिए कौन काम और विकास करेगा.”


मोइरांग विधानसभा क्षेत्र में 28 फरवरी को मतदान होना है और यहां भाजपा, कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. पिछली बार भाजपा के टिकट पर जीते मौजूदा विधायक पुखरेम शरतचंद्र सिंह इस बार कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं जबकि कांग्रेस के पूर्व सदस्य मैरेंबम पृथ्वीराज सिंह भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं. नेशनल पीपुल्स पार्टी के थोनगम शांति सिंह तीसरे अहम उम्मीदवार हैं.


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