Manipur Violence: मणिपुर में जारी हिंसा और विपक्ष की राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग के बीच कैबिनेट ने राज्यपाल अनसुईया उइके से विधानसभा सत्र 21 अगस्त से शुरू करने के लिए कहा है. इस बात की जानकारी शुक्रवार (05 अगस्त) को आधिकारिक बयान जारी करके दी गई.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सूचना और जनसंपर्क निदेशालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, "राज्य मंत्रिमंडल ने 21 अगस्त 2023 को 12वीं मणिपुर विधानसभा के चौथे सत्र को बुलाने के लिए मणिपुर के माननीय राज्यपाल को सिफारिश की है." इसके अलावा कई नागरिक समाज संगठन राज्य में जारी संकट पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं.
संसद के मानसून सत्र में भी मणिपुर को लेकर हंगामा
वहीं, दिल्ली में चल रहे संसद के मानसून सत्र में भी मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष का हंगामा देखने को मिल रहा है. विपक्ष की मांग है कि 03 जून को शुरू हुई हिंसा और उसके बाद महिलाओं की नग्न परेड का जो वीडियो वायरल हुआ है उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में अपना बयान दें और मुद्दे पर चर्चा की जाए. जबकि सरकार कई बार कह चुकी है कि वो मणिपुर पर चर्चा करने के लिए तैयार है.
विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल ने किया राज्य का दौरा
इसके अलावा, विपक्ष के गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) के प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में मणिपुर का दौरा किया और पीड़ितों से उनके शिविर में जाकर मुलाकात की. साथ ही राज्यपाल उइके से मिलकर अपनी बात रखी. इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की और राज्य में शांति स्थापित करने का आग्रह किया.
गुरुवार (03 अगस्त) को मणिपुर पुलिस ने बयान जारी करके कहा था कि राज्य में अभी भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. मैतेई और जनजातीय कुकी समुदाय के बीच 3 मई को हुई हिंसा के बाद राज्य में अभी भी तनाव बना हुआ है.
मैतेई लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने वाले हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था जिसने हिंसा का रूप अख्तियार कर लिया. हिंसा में अब तक कम से कम 150 लोगों की जान जा चुकी है.
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