Manipur Ethnic Violence: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह गुरुवार (24 अगस्त) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करेंगे. यह बैठक रात 8 बजे अमित शाह के आवास पर होगी. बैठक में मुख्यमंत्री और मणिपुर सरकार के 10 मंत्री भी हिस्सा लेंगे. इस दौरान बीजेपी की मणिपुर यूनिट की प्रमुख ए शारदा देवी के मुख्यमंत्री के साथ रहने की संभावना है. वहीं, शुक्रवार (25 अगस्त) को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके भी दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मिल सकती हैं.


सीएम सिंह के साथ यह बैठक 29 अगस्त को मणिपुर विधानसभा के एक दिवसीय मानसून सत्र से पहले हो रही है. सूत्रों के मुताबिक सीएम सिंह, गृहमंत्री को मणिपुर की मौजूदा स्थिति के साथ-साथ पूर्वोत्तर राज्य में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी देंगे.


विधायकों का विधानसभा सत्र में भाग लेने से इनकार


इससे पहले 21 अगस्त को मानसून सत्र के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं हो सकी थी. इसके चलते सदन की बैठक नहीं हो पाई. इसके बाद राज्य कैबिनेट को दूसरी बार विधानसभा सत्र बुलाने की तारीख की सिफारिश करनी पड़ी. इस बीच राज्य में जारी जातीय हिंसा के कारण सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) सहित 10 कुकी विधायकों ने विधानसभा सत्र में भाग लेने से इनकार कर दिया था. वहीं, नागा विधायकों ने कहा था कि वे भी सत्र में शामिल नहीं लेंगे, क्योंकि उन्हें लगता है कि राज्य सरकार नागा शांति वार्ता में बाधा डाल रही है.
 
पीड़ित परिवारों को अस्थायी आश्रय गृह


मुख्यमंत्री सिंह ने बुधवार (23 अगस्त) को इंफाल पूर्वी जिले में 300 से अधिक परिवारों को अस्थायी शेल्टर होम सौंपे. इस दौरान उन्होंने कहा कि मणिपुर में स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है. हमारी पहली प्राथमिकता पहाड़ी और घाटी दोनों इलाकों में प्रभावित लोगों का पुनर्वास करना है. इसके लिए आठ स्थानों पर प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाए जा रहे हैं. सीएम ने कहा, " अभी इस बात कि आशंका बनी हुई कि यहां बंदूक से हमले हो सकते हैं. हमारा मानना है कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी. यह सामूहिक प्रयासों से ही संभव हो सकता है." 


मैतेई समुदाय का आदिवासी एकजुटता मार्च


बता दें कि मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) के दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को राज्य में हिंसा भड़क उठी थी. तब से अब तक मणिपुर में 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं.


मणिपुर में 53 प्रतिशत मैतेई आबादी


उल्लेखनीय है कि मणिपुर में मैतेई लोगों की जनसंख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, राज्य में 40 फीसदी आबादी आदिवासियों की है. इनमें नागा और कुकी शामिल हैं और ये मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं.


संसद में मणिपुर हिंसा की गूंज


11 अगस्त को समाप्त हुए लगभग एक महीने लंबे मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा पर विपक्षी दलों के लगातार विरोध प्रदर्शन के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही भी बुरी तरह प्रभावित रही. यह सत्र 4 मई को मणिपुर के एक गांव में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो वायरल होने के एक दिन बाद शुरू हुआ, जिससे देश भर में आक्रोश फैल गया था.
 
मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला


27 जुलाई को सरकार ने दो महिलाओं की नग्न परेड के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि मामलों की सुनवाई राज्य के बाहर की जानी चाहिए. फिलहाल मणिपुर पुलिस ने वीडियो में दिख रहे कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.


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