इम्फाल: मणिपुर में युनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) द्वारा सात नए जिलों का गठन वापस लिए जाने की मांग पर मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने रविवार को कहा कि सरकार नए जिले गठिन करने का फैसला वापस लेने पर विचार नहीं कर रही.


विवादित मुद्दे को लेकर सोमवार को होने वाली बैठक रद्द


इस बीच केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों और यूएनसी के बीच इस विवादित मुद्दे को लेकर सोमवार को होने वाली बैठक रद्द कर दी गई है. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधि 'अपरिहार्य परिस्थितियों' के चलते इस बैठक में हिस्सा नहीं ले सकते, जिसकी वजह से यह बैठक रद्द कर दी गई.


राज्य में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2016 में सात नए जिलों का गठन किया था, जबकि मणिपुर में पहले से ही नौ जिले थे. नगा समुदाय का दावा है कि पूर्वजों द्वारा छोड़े गए नगा इलाकों में से ही छांटकर ये सात नए जिले गठित किए गए हैं.


सरकार ने हालांकि आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि कोई भी भूमि किसी खास समुदाय से जुड़ी हुई नहीं है और बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था और समान विकास सुनिश्चित करने के लिए नए जिले गठित किए गए हैं.


यूएनसी ने किया था अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी का आह्वान


नए जिलों के गठन के विरोध में यूएनसी ने अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी का आह्वान किया था, जो चार महीने तक चला. बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार बनने के बाद इस आर्थिक नाकेबंदी को हटा लिया गया था.


जेल से रिहा किए जाने के तत्काल बाद यूएनसी के अध्यक्ष गाइदोन कामेई ने कहा था, "नए जिलों के गठन का फैसला वापस करवाना हमारे एजेंडा में सबसे ऊपर है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो हम अगले आंदोलन के लिए जनता के पास जाएंगे."