नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मणिपुर में 2009 में कथित तौर पर मुठभेड़ में एक 12 साल के बच्चे के हत्या को लेकर सेना के मेजर विजय सिंह बलहारा और सात अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है.
सीबीआई ने आजाद खान की मौत में आरोपियो के खिलाफ मंगलवार को दाखिल प्राथमिकी में बलहारा को नामित किया है. बलहारा असम राफल्स से जुड़े थे और कथित मुठभेड़ के दौरान वह टीम का नेतृत्व कर रहे थे.
सीबीआई ने यह कदम 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा एजेंसी को मामले के रिकॉर्ड का अध्ययन करने, जरूरी प्राथमिकी दर्ज करने और जस्टिस संतोष हेगड़े आयोग द्वारा जमा किए गए रिपोर्ट के आधार पर जांच पूरी करने का निर्देश दिए जाने के बाद उठाया है.
आजाद खान के पिता वाहिद अली ने जस्टिस हेगड़े आयोग के समक्ष गवाही दी थी कि उनके बेटे की हत्या मणिपुर पुलिस कमांडो के कर्मियों ने 4 मार्च 2009 को घर से ले जाने के बाद एक फर्जी मुठभेड़ में कर दी थी. वाहिद अली मणिपुर के फोउबाकचाओ गांव के निवासी हैं.
बलहारा के अलावा, ब्रोसोन थंगा (हवलदार), सुरेश मीतेई (तत्कालीन हवलदार), खांगजापो थोइथांग (चालक) व चार अन्य अज्ञात सुरक्षा कर्मियों को सीबीआई की प्राथमिकी में नामित किया गया है. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सभी आरोपी कथित तौर पर खान को मौत से पहले उसके घर से ले गए. कक्षा सात के छात्र आजाद खान का कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था.
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सुरक्षा बलों ने साक्ष्य दिया था कि मृतक पीपुल्स युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट (पीयूएलएफ) का एक संदिग्ध सदस्य था और यह कि मणिपुर सरकार के अनुसार यह समूह प्रतिबंधित संगठन नहीं था. खान के परिवार का कहना है कि सुबह 11.50 बजे तीस सुरक्षाकर्मियों ने घर से लड़के को खींच लिया और घसीटते हुए उसे पास के मैदान में ले गए. माता-पिता गुहार लगाते रहे लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने लड़के को बुरी तरह से पीटा.
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