Manipur Violence: मणिपुर में लगभग तीन महीनों से हिंसा जारी है. राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच शनिवार (29 जुलाई) को मणिपुर सरकार ने म्यांमार से आने वाले शरणार्थियों की पहचान करना शुरू कर दिया है. सरकार राज्य में सभी अवैध म्यांमार अप्रवासियों के बायोमेट्रिक जांच का अभियान चला रही है.


राज्‍य सरकार ने बताया कि मणिपुर में अवैध म्यांमार अप्रवासियों के बायोमेट्रिक कैप्चर करने वाले अभियान को पूरा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से निर्देश दिया गया है. एक बयान में कहा गया कि सितंबर के अंत तक राज्य में म्यांमार से आकर रहने वालों का बयोमेट्रिक डेटा इकट्ठा कर लिया जाएगा.


राज्य सरकार ने जारी की प्रेस रिलीज


इसके पीछे सरकार का लक्ष्य है कि जो भी विदेशी प्रवासी देश में दाखिल हो रहे हैं, वो देश की चुनावी प्रक्रिया में शामिल न हो सकें. राज्य सरकार की विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अधिकारियों की एक टीम ने आज इंफाल के पूर्वी जिले में अवैध प्रवासियों का बायोमेट्रिक डेटा हासिल करने में राज्य सरकार के अधिकारियों की सहायता की.


वहीं, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अधिकारियों ने राज्य सरकार के अधिकारियों को बायोमेट्रिक डेटा को कैप्चर करने की ट्रेनिंग दी.


विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, "यह अभियान सभी जिलों में तब तक जारी रहेगा जब तक कि राज्य में सभी अवैध म्यांमार प्रवासियों का बायोमेट्रिक डेटा सफलतापूर्वक हासिल नहीं कर लिया जाता. इसे सितंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है."


बता दें कि मणिपुर में जो हिंसा फैली हुई है उसके पीछे नार्को टेररिज्म के अलावा ये भी आरोप है कि म्यांमार से आए शरणार्थी भी इसमें शामिल हैं. गृह विभाग के संयुक्त सचिव पीटर सलाम के मुताबिक, बायोमेट्रिक जांच के लिए राज्य के सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वो इन लोगों की पहचान करें.


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