इम्फाल: मणिपुर सरकार ने 2016 में राज्य सिविल सेवा परीक्षा में अनियमितता के आरोपों पर अदालत का आदेश आने के बाद अपने 82 अधिकारियों की सेवाएं समाप्त कर दीं. राज्य कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग (कार्मिक खंड) की ओर से जारी आदेश के अनुसार 22 नवंबर के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन में 18 अप्रैल, 2017 को जारी नियुक्ति पत्रों को रद्द किया गया है.


साल 2016 में मणिपुर लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) द्वारा आयोजित मुख्य परीक्षा में असफल रहे उम्मीदवारों ने इसमें अनियमितता का आरोप लगाते हुए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुईं वकील पुष्पा गुरुमायुम ने बताया कि इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले में जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया.


जांच में ‘अनियमतिताओं और विसंगतियों’ के साथ उत्तर पुस्तिका पर परीक्षार्थियों के हस्ताक्षर नहीं होने, अंकों में हेरफेर और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बिना अंक देने का खुलासा हुआ. हाईकोर्ट ने 18 अक्टूबर के अपने आदेश में न सिर्फ नियुक्तियों को रद्द करने बल्कि तीन महीने के भीतर परीक्षा की सीबीआई जांच का भी निर्देश दिया था. इसके बाद सफल उम्मीदवारों ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन 22 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था.


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