Anusuiya Uikey On Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर सरकार और विपक्ष में गतिरोध जारी है. विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जमीनी हकीकत का आंकलन करने के लिए शनिवार (29 जुलाई) को मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर भी पहुंचा है. मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने विपक्षी नेताओं से राज्य में शांति बहाली में योगदान देने का आग्रह किया है.
हिंसा का केंद्र रहे चुराचंदपुर जिले में राहत केंद्रों का दौरा करने के बाद राज्यपाल उइके ने शनिवार को न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि राज्य में शांति कब बहाल होगी. मैं सभी को एक साथ लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हूं.
मणिपुर की राज्यपाल की विपक्षी नेताओं से अपील
राज्यपाल ने कहा कि मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए हम सभी राजनीतिक दलों से भी मदद करने का आह्वान कर रहे हैं. विपक्षी प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर उन्होंने कहा कि मैं उनसे राज्य में शांति बहाल करने में योगदान देने की अपील करती हूं. राज्यपाल ने कहा कि सरकार उन लोगों को मुआवजा देगी, जिन्होंने हिंसा में अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है और संपत्ति का भी नुकसान हुआ है. लोग घर लौटना चाहते हैं.
विपक्षी सांसदों ने किया राहत शिविर का दौरा
विपक्षी दलों के गठबंधन के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने चुराचांदपुर जिले में एक राहत शिविर का दौरा किया है. इस दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इन लोगों का चेहरा देखकर पता चलता है कि ये डरे हुए हैं. इन लोगों को सरकार पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं है. बहुत भयानक स्थिति पैदा हो चुकी है.
मणिपुर में जातीय हिंसा
टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि लोग पीड़ित हैं और सोच रहे हैं कि हम घर कब जाएंगे. केंद्र सरकार को एक प्रतिनिधिमंडल भेजना चाहिए था, उन्होंने मना कर दिया इसलिए विपक्षी दलों के गठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल यहां आया है. गौरतलब है कि मणिपुर में बीती तीन मई को आरक्षण की मांग पर मैतई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा भड़की थी. जिसमें अब तक 160 ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.
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