मणिपुर: चंदेल इलाके में उग्रवादियों के हमले में असम राइफल्स के तीन जवान शहीद, पांच जवान घायल
इसी चंदेल जिले में साल 2015 में उग्रवादी संगठनों ने भारतीय सेना के एक काफिले पर एक बड़ा हमला किया था.
नई दिल्ली: म्यांमार सीमा के करीब मणिपुर के चंदेल इलाके में उग्रवादियों के हमले में असम राइफल्स के तीन जवान वीरगति को प्राप्त हो गए और पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. उग्रवादियों ने इस हमले को आईईडी ब्लास्ट से अंजाम दिया.
जानकारी के मुताबिक, असम राइफल्स के जवान गुरूवार सुबह म्यांमार सीमा से पैट्रोलिंग करके अपने कंपनी ओपरिंग बेस (सीओबी) लौट रहे थे. असम राईफल्स की इस पैट्रोलिंग पार्टी में कुल 15 जवान थे. इसी दौरान चंदेल इलाके में एक आईईडी ब्लॉस्ट हुआ जिसमें तीन जवानों की मौत हो गई. हमले में पांच जवान घायल हो गए. खबर है कि उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला किया था और आईईडी ब्लास्ट के बाद जवानों पर फायरिंग भी की. लेकिन जवानों की जवाबी कारवाई में उग्रवादी भाग खड़े हुए.
म्यांमार-थाईलैंड की सीमा पर एक बड़े हथियारों का जखीरा पकड़ा गया था
हमले की जिम्मेदारी किसी उग्रवादी संगठन ने नहीं ली है. लेकिन माना जा रहा है कि मणिपुर-नागालैंड से सटी म्यांमार सीमा पर सक्रिय उग्रवादी संगठनों ने इस हमले को अंजाम दिया है. लेकिन माना जा रहा है इस हमले के पीछे प्रतिबंधित संगठन, एनएससीएन या फिर पीएलए (चीन की सेना नहीं) का हाथ है. गौरतलब है कि पिछले महीने ही म्यांमार-थाईलैंड की सीमा पर एक बड़े हथियारों का जखीरा पकड़ा गया था. ऐसी खबर थी कि इन हथियारों को भारत के उत्तर-पूर्व राज्यों में सक्रिय उग्रवादी संगठनों को सप्लाई किया जाना था लेकिन उससे पहले ही म्यांमार के सुरक्षाबलों ने जब्त कर लिया.
असम राइफल्स के सैनिकों पर हुए हमले के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शोक प्रकट किया. आपको बता दें कि असम राईफल्स एक पैरा-मिलिट्री फोर्स है जिसकी मुख्य जिम्मेदारी म्यांमार सीमा की निगरानी और उत्तर-पूर्व राज्यों में काउंटर-इनसर्जेंसी ऑपरेशन हैं.
इसी चंदेल जिले में साल 2015 में उग्रवादी संगठनों ने भारतीय सेना के एक काफिले पर एक बड़ा हमला किया था. जिसमें सेना की डोगरा रेजीमेंट के 19 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे. इसके बाद भारतीय सेना के पैरा-एसएफ कमांडोज़ ने क्रॉस-बॉर्डर रेड कर म्यांमार सीमा में सक्रिय उग्रवादी संगठनों के कैंपों को तबाह कर दिया था. एक अनुमान के मुताबिक स्पेशल फोर्सेज़ के कमांडोज़ के इस ऑपरेशन में 60-70 उग्रवादी मारे गए थे.