Manipur Violence: मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बाद उपजे तनाव को लेकर I.N.D.I.A गठबंधन के कई विपक्षी दलों ने गुरुवार (17 नवंबर 2023) को वहां की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की. उनसे मुलाकात करने के बाद उन्होंने कहा कि वह राज्य में जारी जातीय हिंसा पर चर्चा करने को लेकर पीएम मोदी से मिलना चाहते हैं.
एमपीसीसी, जेडीयू, सीपीआई, सीपीआई (एम), आप, आरएसपी, एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी), एआईएफबी और एआईटीसी ने प्रधानमंत्री के समक्ष मांग उठाने के लिए उइके को एक ज्ञापन सौंपा. राज्यपाल से मुलाकात के बाद मणिपुर के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता ओ इबोबी सिंह ने कहा, 'हमारा मानना है कि पीएम मोदी ही राज्य में शांति लाने की एकमात्र उम्मीद हैं.'
'खोजेंगे हिंसा का समाधान'
विपक्षी दलों ने कहा, 'दस राजनीतिक दलों के नेताओं ने संकल्प लिया है कि वह राज्य में जारी हिंसा का उनके मार्गदर्शन में समाधान खोजेंगे.' इसके आगे उन्होंने कहा, 'वह चाहते हैं कि इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया जाए'. इसके साथ ही उन्होंने कहा,'अगर प्रधानमंत्री व्यस्त हैं तो वह उनसे दिल्ली जाकर मुलाकात करने के लिए तैयार हैं.'
कांग्रेस नेता ओ इबोबी सिंह ने कहा, 'मणिपुर में जारी यह जातीय संघर्ष बीते 6 महीने से अधिक समय से चल रहा है और इस संघर्ष में बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई. मणिपुर में 60 हजार लोगों का आंतरिक विस्थापन हुआ है.' कांग्रेस नेता ने दावा किया कि मणिपुर के स्थानीय लोग राहत कैंपों में अमानवीय स्थिति में रह रहे हैं और उनके लिए कोई भी काम नहीं कर रहा है.
लोगों के बीच अविश्वास का माहौल
कांग्रेस नेता ओ इबोबी सिंह ने कहा, राज्य सरकार को लेकर लोगों के बीच का अविश्वास माहौल है. सिर्फ केंद्र सरकार ही इस अविश्वास को रोक सकते हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि जिन इलाकों में हिंसा नहीं हो रही है.
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