Manipur Violence: मणिपुर हिंसा के बाद अस्पतालों में पड़ी हैं 96 लावारिस लाशें, जानिए क्यों कोई ले जाने वाला नहीं
Manipur Violence Updates: मणिपुर में हुई हिंसा के बाद शवों को ले जाने वाला कोई नहीं है. तीन अस्पतालों में 96 लावारिस लाशें अभी भी पड़ी हुई हैं.
Manipur Violence News: मणिपुर में हुई हिंसा में जान गंवाने वाले 100 के करीब लोगों के शवों को ले जाने वाला कोई नहीं है. राजधानी इंफाल में दो अस्पताल और हिंसा प्रभावित रहे चुराचांदपुर के एक अस्पताल में शवों को रखा गया है. तीन अस्पतालों में कुल मिलाकर 96 शव मौजूद हैं, जिन्हें लेने कोई नहीं आया है. मई में शुरू हुई इस हिंसा में आधिकारिक तौर पर 175 लोगों ने जान गंवाई है, जिसमें से 55 फीसदी शव अभी भी अस्पताल में पड़े हुए हैं.
पूर्वोत्तर के इस राज्य में हुई हिंसा की वजह से कुकी और मैतई समुदाय के बीच नफरत की लकीरें खींच गई हैं. माना जा रहा है कि अधिकांश लावारिस शव पहाड़ी जिलों के रहने वाले लोगों के हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि पहाड़ी इलाकों से बहुत कम लोग इंफाल घाटी, चुराचांदपुर या बहुसंख्यक मैतेई समुदाय के इलाकों में आए होंगे. पहाड़ी इलाकों में रहने वाले ज्यादातर लोगों को घाटी में आने पर डर सता रहा है. उन्हें लग रहा है कि उनसे बदला लिया जा सकता है.
क्यों शवों को नहीं लेने जा रहे लोग?
एक आदिवासी व्यक्ति की बेटी के साथ 4 मई को इंफाल कार वॉश में एक अन्य युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया. फिर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया. इस व्यक्ति का कहना है कि वह इंफाल के अस्पताल में मौजूद अपनी बेटी के शव को लेने नहीं जा रहा है, क्योंकि उसे वहां तक सफर करने में डर लग रहा है. उसकी बेटी का शव इंफाल के जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रखा हुआ है.
साइकुल में मौजूद एक राहत शिवर में रहने वाले पीड़ित शख्स ने बताया कि उसने अपनी बेटी और उसकी सहेली के शव सौंपने के लिए सरकार से कई बार दरख्वास्त की है. उसका कहना है कि वह इंफाल नहीं जा सकता है. वह अभी भी अपनी बेटी की लाश मिलने का इंतजार कर रहा है. पहाड़ी इलाकों में रहने वाले ज्यादातर लोग कुकी समुदाय से हैं, उन्हें लग रहा है कि अगर वे घाटी में जाते हैं तो मैतई समुदाय के लोग उनके साथ मारपीट कर सकते हैं.
किन अस्पतालों में कितनी लावारिस लाशें?
लावारिस लाशों में से 28 इंफाल के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में और 26 इंफाल के ही जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रखी हुई हैं. इसके अलावा बाकी के 42 लावारिस शव चुराचांदपुर डिस्ट्रिक्ट अस्पताल में रखे गए हैं. पुलिस का कहना है कि मई में शुरू हुई इस हिंसा में अब तक 1108 लोग घायल हुए हैं, जबकि लापता हुए लोगों की संख्या 32 है.
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