Manipur Violence: मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने भी कमर कस ली है लेकिन तनाव इतना बढ़ गया कि बीजेपी विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर भी प्रदर्शन करने वालों ने हमला कर दिया. इसके तुरंत बाद वाल्टे को इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर राज्य से बाहर ले जाया गया है. राज्य में हिंसा में 500 से ज्यादा घर जला दिए गए है. इसी बीच गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, राज्य और केंद्र के शीर्ष अधिकारियों के साथ शुक्रवार (5 मई) को हाई लेवल मीटिंग की. 


सरकारी सूत्र ने बताया कि मणिपुर में हालात शांतिपूर्ण है. कोई अप्रिय घटना शुक्रवार को नहीं हुई. सूत्रों ने बताया कि सामान्य स्थिति बहाल करने में राज्य तंत्र की सहायता के लिए अर्धसैनिक बलों के 10 अतिरिक्त कंपनी भेजने और और दंगा-रोधी वाहन वज्र मणिपुर भेजे गए हैं. बैठक में निर्णय लिया गया है कि राज्य में धारा 355 (केंद्र सरकार सुरक्षा और कानून व्यवस्था अपने हाथों में लेना) का इस्तेमाल नहीं किया जाएगी. 


क्या स्थिति है?
राज्य के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा कि सभी फोर्स को 23 स्थानों पर तैनात किया गया है. गुरुवार (4 मई) की तुलना में शुक्रवार (5 मई) को स्थिति अच्छी हुई है. कुछ इलाकों में अब भी चिंता की स्थिति बनी हुई है, जिन्हें संभाला जा रहा है. विभिन्न घटनाओं में में 18-20 लोगों की जान जाने की सूचना है, लेकिन हम इसकी पुष्टि करा रहे हैं.  इसमें 100 से अधिक घायल हुए लोगों का इलाज जारी है. वहीं भारतीय सेना ने बताया कि 13 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया गया है. 


कुलदीप सिंह ने कहा कि करीब 500 घरों को जलाया गया है. मामले में शुरू से ही लोगों की गिरफ़्तारी जारी है. शुक्रवार (5 मई) को हुई एक हिंसा में 9 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इस दौरान इनके पास से पुलिस से लूटे गए कुछ हथियार भी बरामद किए गए हैं. 


पुलिस ने क्या कहा? 
मणिपुर पुलिस के डीजीपी पी. डोंगल ने कहा कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब सभी लोग घर पर रहे. हमने 23 पुलिस स्टेशनों की पहचान करके इसमें आईजी स्तर के अधिकारियों को का इंचार्ज बनाया ताकि लोगों का विश्वास जीत सकें. 


राज्य सरकार ने क्या तैयारी की?
मणिपुर में चल रहे तनाव के बीच गुरुवार (4 मई) को राज्य सरकार ने विषम हालात में हिंसा करने वालों पर गोली चलाने का आदेश दिया है. वहीं सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि शांति बनाए रखें और इसके लिए सरकार को लोगों के सहयोग जरूरत है.  


मामला क्या है?
बहुसंख्यक मेइती समुदाय को अनसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के फैसले के खिलाफ आदिवासी समूह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ ने बुधवार (3 मई) को 'आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला था, लेकिन इस दौरान हिंसा हो गई. तनाव इतना बढ़ गया कि सेना को तुरंत तैनात किया गया. इसके तुरंत बाद करीब 9 हजार से ज्यादा लोगों को तुरंत सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया. 


टिल्लू ताजपुरिया हत्या मामले में तिहाड़ जेल के 7 कर्मियों पर एक्शन, वीडियो आने के बाद हुई कार्रवाई