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Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा के बाद अमित शाह की बड़ी बैठक, दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश, भारी संख्या में जवानों की तैनाती
Manipur Crisis: मैतेई समुदाय के आंदोलन के बाद पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में फैली हिंसा ने रौद्र रूप अख्तियार कर लिया. गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की.
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Manipur Unrest: पूर्वोत्तर का राज्य मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है. इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार (04 मई) को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात कर राज्य की स्थिति का जायजा लिया. इसके अलावा केंद्रीय गृह सचिव, आईबी के निदेशक और संबंधित अधिकारियों के साथ दो वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग बैठकें कीं. उन्होंने मणिपुर के पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की.
जानते हैं इससे जुड़ी 10 अहम बातें-
1- समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राज्य में मैतेई समाज को अनसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग के बाद हुई इस हिंसा को नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा बलों को राज्य में भेजा गया है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 ‘कॉलम’ को तैनात किया गया है.
सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि हालात के दोबारा बिगड़ने की सूरत में कार्रवाई के लिए सेना के 14 ‘कॉलम’ को तैनाती के लिए तैयार रखा गया है. वहीं सेना और असम राइफल्स ने गुरुवार को चुराचांदपुर और इंफाल घाटी के कई इलाकों में फ्लैग मार्च किया और काक्चिंग जिले के सुगनु में भी फ्लैग मार्च किया गया. मणिपुर में स्थिति की निगरानी कर रहे केंद्र ने ‘रैपिड एक्शन फोर्स’ (आरएएफ) की कई टीम को भी भेजा है. सूत्रों ने बताया कि आरएएफ की टीम शाम को इंफाल हवाई अड्डे पर उतरी.
Manipur tensions | Major deployment of security forces in Manipur. Several companies of BSF, CRPF and Assam Rifles along with the Army were deployed in the state yesterday and today. Further deployment of security forces will be done tomorrow as well. Maximum deployment of CRPF…
— ANI (@ANI) May 4, 2023
2- समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और आसपास के राज्यों से अर्धसैनिक बल यहां भेजे जा रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, गृहमंत्री शाह ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से फोन पर बात की.
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री शाह ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों और केंद्रीय अधिकारियों के साथ दो वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठकें कर हालात की समीक्षा की. इसमें मणिपुर के मुख्यमंत्री, राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख, केंद्रीय गृह सचिव और केंद्र सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.
3- मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मैतेई समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गुरुवार को राज्य सरकार ने ‘‘गंभीर स्थिति’’ में देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया. राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ‘‘समझाने और चेतावनी के बावजूद स्थिति काबू में नहीं आने पर 'देखते ही गोली मारने’ की कार्रवाई की जा सकती है. राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के प्रावधानों के तहत जारी की गई है.
4- हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं. दरअसल बुधवार (3 मई) राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्से वाले गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) के बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़क गई थी. नगा और कुकी आदिवासियों के इस मार्च में भड़की हिंसा ने रात में और गंभीर रूप ले लिया.
5- पुलिस अधिकारी के मुताबिक, स्थिति को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों और आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. कर्फ्यू लगाने संबंधी अलग-अलग आदेश आठ जिलों के प्रशासन ने जारी किए गए हैं. गृह विभाग के एक आदेश में कहा गया कि शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है. पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित हैं.
6- मैतेई समुदाय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें जनजातीय वर्ग में शामिल करने की गुहार लगाई थी. इसी याचिका पर बीती 19 अप्रैल को हाईकोर्ट ने अपना फैसले सुनाया. इसमें कहा गया कि सरकार को मैतेई समुदाय को जनजातीय वर्ग में शामिल करने पर विचार करना चाहिए. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इसके लिए चार हफ्ते का समय दिया. अब इसी फैसले के विरोध में मणिपुर में हिंसा हो रही है.
7- हाईकोर्ट के फैसले का राज्य का जनजातीय वर्ग विरोध कर रहा है. जनजातीय संगठनों का कहना है, 'मैतेई समुदाय को अगर जनजातीय वर्ग में शामिल कर लिया जाता है तो वह उनकी जमीन और संसाधनों पर कब्जा कर लेंगे.' विरोध में एक और तर्क दिया जाता है कि जनसंख्या और राजनीतिक प्रतिनिधित्व दोनों में मैतेई का दबदबा है.
8- मणिपुर में हिसा को लेकर कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा, “मणिपुर में तेजी से बिगड़ती कानून और व्यवस्था को लेकर काफी चिंतित हूं. प्रधानमंत्री को शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने पर ध्यान देना चाहिए. मैं मणिपुर के लोगों से शांत रहने का आग्रह करता हूं.”
9- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने ट्विटर पर कहा, “ मैं मणिपुर की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हूं. राजनीति और चुनाव इंतजार कर सकते हैं, लेकिन पहले हमारे खूबसूरत राज्य मणिपुर की रक्षा करनी होगी. मैं प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी और अमित शाह (गृह मंत्री) से वहां शांति बहाल कराने के लिए कदम उठाने का आग्रह करती हूं.”
10- मैरी कॉम ने एक ट्वीट में कुछ तस्वीरें शेयर करके लिखा, "मेरा राज्य जल रहा है. कृपया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मदद करें." एएनआई न्यूज एजेंसी से बात करते हुए मैरी कॉम ने कहा, "मैं राज्य और केंद्र सरकार से स्थिति के लिए कदम उठाने और राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की अपील करती हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस हिंसा में कुछ लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया. यह हालात जल्द से जल्द सामान्य होनी चाहिए."
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