Manipur Violence: मणिपुर में जातीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच मानपुर के जिरीबाम जिले में बुधवार (04 सितंबर) को फिर से आगजनी की घटना सामने आई है. जहां कुछ हथियारबंद लोगों ने कई राउंड फायरिंग की. जिसके बाद एक घर में आग लगा दी. हालांकि, इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है. जकुराधोर में तीन कमरों वाला घर एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी का था.


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पुलिस ने कहा कि जिले में पिछली हिंसा के बाद परिवार ने घर खाली कर दिया था. हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हथियारबंद लोगों ने अंधेरे का फायदा उठाया और सुबह करीब साढ़े तीन बजे घर को जला दिया. वहीं, ये घर जिरीबाम जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर था.


मैतेई और कुकी गुटों के बीच हुए समझौते के बावजूद हुई घटना


आगजनी की ये घटना 1 अगस्त को मैतेई और कुकी गुटों के बीच एक शांति समझौते के बावजूद हुई, जो पहाड़ी राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने और आगे आगजनी को रोकने के लिए सहमत हुए थे. वहीं, ये बैठक असम के कछार जिले में सीआरपीएफ सेंटर में हुई थी. जिसे जिरीबाम जिला प्रशासन, राइफल्स और सीआरपीएफ कर्मियों की देखरेख में किया गया, जिसमें जिरीबाम के हमार, मैतेई, थाडू, पैते और मिजो समुदायों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे.


सुरक्षा बलों ने ड्रोन बमबारी से बचने के लिए एक्सपर्ट कि मांग की


हालांकि, मणिपुर में हिंसा और आगजनी की अनियमित घटनाओं के जारी रहने के कारण पिछले 16 महीने से चल रहे जातीय संघर्ष में तैनात केंद्रीय और राज्य बलों को अब एक नए खतरे का सामना करना पड़ रहा है. जिसमें संदिग्ध उग्रवादी बमबारी करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में अब सुरक्षा बलों ने ड्रोन की बमबारी से जीतने के लिए ड्रोन एक्सपर्ट की मांग की है.


NSG के बॉम्ब एक्सपर्ट जल्द पहुंचेंगे मणिपुर- DGP


टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह ने कहा कि इससे संघर्ष में एक और आयाम जुड़ गया है. हालांकि, हमने एनएसजी के महानिदेशक और उनकी टीम से बात की है. बॉम्ब एक्सपर्ट यहां आ रहे हैं. हमारे पास कुछ जवाबी उपाय हैं, जिन्हें हम लागू करेंगे. पिछले साल मई से अब तक 225 से अधिक लोग मारे गए हैं, सैकड़ों घायल हुए हैं और हजारों लोग इस संघर्ष में विस्थापित हुए हैं, जिसने पहाड़ी-घाटी के बीच की खाई को बड़ा कर दिया है.


मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात


वहीं, उग्रवादियों के हाथों में हथियारबंद ड्रोन होने से पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के लिए शांति बहाल करने की चुनौती दोगुनी मुश्किल हो गई है. फिलहाल, मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय सुरक्षा बल मौजूद हैं.


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