Manipur Violence: मणिपुर के कई जिलों में फैल चुकी हिंसा पर अब थमती नजर आ रही है. भारतीय सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मोरे और कांगपोकपी जिलों में स्थिति अब नियंत्रण में है. वहीं, राजधानी इंफाल और हिंसाग्रस्त चुराचांदपुर में हालात सामान्य करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. मणिपुर हिंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से की गई बैठकों के बाद सरकार ने उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश जारी किए हैं.


इस बीच हिंसाग्रस्त मणिपुर में 4 मई को बीजेपी विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर भीड़ ने हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि वुंगजागिन वाल्टे मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात करने राज्य सचिवालय गए थे. वहां से लौटते वक्त भीड़ ने उनकी गाड़ी पर हमला कर दिया और विधायक को बुरी तरह से घायल कर दिया. जानकारी के मुताबिक, वाल्टे की हालत गंभीर है और उनका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.


मणिपुर हिंसा के मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें...



  • मणिपुर सरकार ने गुरुवार (5 मई) को हिंसा कर रहे उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए. राजधानी इंफाल और अन्य जिलों में हिंसा फैलने के बाद राज्य सरकार ने 8 जिलों में कर्फ्यू लगाने का एलान किया है. हिंसा पर रोक लगाने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के साथ 55 सेना की टुकड़ियों को मणिपुर में तैनात किया गया है.

  • एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि केंद्र सरकार की ओर से मणिपुर में और अतिरिक्त सैन्य बल भेजा जा रहा है. भारतीय वायुसेना के विमानों के जरिये असम के गुवाहाटी और तेजपुर से सैन्यबलों को एयरलिफ्ट किया जाएगा. सीआरपीएफ चीफ कुलदीप सिंह को मणिपुर में सुरक्षा सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया गया है. वहीं, आईपीएस अधिकारी आशुतोष सिन्हा को शांति स्थापित करने के ऑपरेशन का ओवरऑल कमांडर बनाया गया है.

  • इस रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का शुक्रवार (5 मई) को होने वाला मणिपुर का दौरा रद्द हो गया है. अमित शाह ने गुरुवार को मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह के साथ पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. इसके साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये केंद्र और राज्य के उच्च अधिकारियों के साथ हालातों की समीक्षा पर बातचीत की.

  • मणिपुर हिंसा मामले में अगर कोई मौत हुई हैं तो इसे लेकर सरकार की ओर से अभी तक कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है. ना ही हिंसक झड़पों में घायल हुए लोगों के आंकड़े सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि अलग-अलग जिलों के 9 हजार से ज्यादा लोगों को हिंसाग्रस्त इलाकों से निकाल कर स्पेशल कैंप में रखा गया है. करीब 5 हजार लोगों को चुराचांदपुर से, 2 हजार लोगों को राजधानी इंफाल से और 2 हजार लोगों को सीमांत नगर मोरे से निकाला गया है.

  • मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने गुरुवार (5 मई) को कहा कि सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर उपाय कर रही है. हम अपने लोगों के जान-माल की सुरक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

  • मणिपुर हिंसा मामले के बाद मेघालय के सीएम कोनराड के संगमा ने गुरुवार को अधिकारियों को आदेश देकर हिंसाग्रस्त राज्य के कॉलेज और स्कूलों में पढ़ रहे अपने राज्य के छात्रों को निकालने के निर्देश दिए हैं.

  • मणिपुर में मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग में शामिल किए जाने की मांग पर स्थानीय कोर्ट की ओर से दिए गए एक आदेश को लेकर बुधवार (3 मई) को हुए विरोध-प्रदर्शन ने हिंसा का रूप अख्तियार कर लिया था.

  • ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर ने चुराचांदपुर जिले में गैर-आदिवासी मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने की मांग के खिलाफ 'आदिवासी एकता मार्च' निकाला था. पुलिस के मुताबिक, इस मार्च में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया जो बाद में हिंसक हो गया.

  • राज्य के मैदानी इलाकों में रहने वाले बहुसंख्यक मेइती समुदाय के खिलाफ लोगों का गुस्सा लगातार फूट रहा है. मेइती समुदाय ने दावा किया है कि बड़े स्तर पर हो रहे म्यांमार और बांग्लादेश के अवैध घुसपैठ की वजह से उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. हालिया कानूनों के मुताबिक, मेइती समुदाय को पहाड़ी इलारों में बसने की अनुमति नहीं है.

  • राज्य में हिंसा के माहौल को देखते हुए इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है. ये बैन अगले सोमवार (8 मई) तक जारी रहेगा. इस दौरान ट्रेनों के परिचालन पर भी रोक लगा दी गई है. साथ ही गैर-आदिवासी बहुल जिलों पश्चिमी इंफाल, काकचिंग, थोउबल, जिरीबाम और विष्णुपुर जिलों के साथ आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनोपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. 


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