Manipur Violence: मणिपुर में हुई हिंसा की जांच को लेकर सीबीआई ने डीआईजी रैंक के अधिकारी के तहत विशेष जांच दल (SIT) का शुक्रवार (9 जून) को गठन किया. सीबीआई अधिकारी ने बताया कि मामले में 6 एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें से पांच आपराधिक षड्यंत्र के हैं, तो एक सामान्य साजिश का मामला है.


बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के दौरे के दौरान हिंसा की सीबीआई जांच की बात कही थी. शाह 29 मई को मणिपुर गए थे. इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, कुकी, मेइती समुदाय और अन्य लोगों के साथ अलग-अलग समय पर बैठक की थी. शाह ने साथ ही लोगों से शांति की अपील की थी. 


मणिपुर में शुक्रवार को ही एक गांव में सशस्त्र उग्रवादियों ने तीन लोगों की हत्या कर दी. पिछले दिनों राज्य में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’  निकाला गया था, लेकिन इसके बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं.


हिंसा में कई लोगों के घर जलाए दिए गए, लोगों को जान से मार दिया गया और कई लोग घर से बेघर हो गए थे. झड़पों में कम से कम 100 लोग मारे जा चुके हैं और 310 अन्य घायल हुए हैं. वहीं, 37,450 लोग फिलहाल 272 राहत शिविरों में रह रहे हैं.


मणिपुर में इंटरनेट पर प्रतिबंध को लेकर कोर्ट ने क्या कहा?
इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में इंटरनेट सेवाओं पर तीन मई से प्रतिबंध लगातार जारी रहने के विरोध में राज्य के दो लोगों की ओर से दायर की गई याचिका पर शुक्रवार (9 जून) को तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. 


जस्टिस अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाश पीठ ने कहा कि इसी मुद्दे पर एक मामला हाई कोर्ट में भी है. पीठ ने कहा, ‘‘ हाई कोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है. कार्यवाहियों के दोहराव की जरूरत क्या? नियमित पीठ के पास जिक्र करिए.’’


मणिपुर में किसकी कितनी आबादी
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी 53 प्रतिशत है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 फीसदी है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में बसती है. राज्य में शांति बहाली के लिए सेना और असम राइफल्स के लगभग 10,000 जवान तैनात किए गए हैं.


ये भी पढ़ें- मणिपुर में इंटरनेट बैन हटाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की, कहा- हाईकोर्ट पहले ही मामले को...