Manipur Violence News: मणिपुर के चुराचांदपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की चौंकाने वाली घटना के करीब एक साल बाद, अब यहां से और अधिक परेशान करने वाली जानकारी सामने आई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई की ओर से प्रस्तुत एक आरोप पत्र में कहा गया है कि भीड़ की ओर से कुकी-ज़ोमी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने और उनके साथ यौन उत्पीड़न करने से ठीक पहले, दोनों ने रोड किनारे खड़ी पुलिस से शरण मांगी थी.
हालांकि, पुलिसकर्मियों ने दावा किया था कि उनके पास चाबी नहीं थी, इसलिए वह पुलिस जीप को स्टार्ट करके महिलाओं को वहां से निकालने की स्थिति में नहीं थे. बताया गया है कि पुलिस जिप्सी के अंदर दो अन्य पीड़ित पुरुष भी मौजूद थे. आरोपपत्र में दावा किया गया है कि इसके बाद, घटनास्थल पर मौजूद सभी पुलिसकर्मियों ने इलाका खाली कर दिया, जिससे पीड़ित असुरक्षित हो गए.
800-1000 की भीड़ ने घुमाया था दो महिलाओं को नग्न
एचटी ने पहले अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एफआईआर के अनुसार, लगभग 800-1000 की संख्या में भीड़ ने महिलाओं के परिवार के दो सदस्यों की भी हत्या कर दी थी. पुलिस एफआईआर में कहा गया था कि एक महिला के साथ गैंगरेप किया गया था. बाद में उन्होंने द वायर को बताया कि मणिपुर पुलिस अपराध स्थल पर मौजूद थी लेकिन उन्होंने उनकी मदद नहीं की. इसके बाद भीड़ ने दो महिलाओं को नग्न करके घुमाया.
कई पीड़ितों ने बताया, पुलिस ने नहीं की मदद
वीडियो में जीवित बचे लोगों में से एक ने समाचार पोर्टल को बताया, "मणिपुर की पुलिस वहां मौजूद थी, लेकिन उन्होंने हमारी मदद नहीं की." एक अन्य जीवित बचे व्यक्ति ने कहा कि उसने चार पुलिसकर्मियों को कार में बैठे और हिंसा को देखते हुए देखा. उन्होंने कहा, "उन्होंने हमारी मदद के लिए कुछ नहीं किया." भीड़ के इस हमले में उसके पिता और भाई की मौत हो गई.
मणिपुर हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा की हुई मौत
बता दें कि पिछले साल 3 मई से इंफाल घाटी स्थित मेइतेईस और निकटवर्ती पहाड़ियों पर स्थित कुकियों के बीच जातीय संघर्ष में 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.
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