Manipur Violence: जातीय हिंसा से जूझ रहे उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में शांति के लिए केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है. केंद्र सरकार ने अब तनाव को कम करने के लिए अहम कदम उठाया है. गृह मंत्रालय (MHA) ने बताया कि राज्य के राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति का गठन किया गया है. 


इस समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री, मणिपुर सरकार के कुछ मंत्री, संसद सदस्य, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं. समिति में पूर्व सिविल सेवक, शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं. 


शांतिपूर्ण बातचीत से निकलेगा हल 


एमएचए ने बताया कि समिति का काम राज्य के विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांतिपूर्ण बातचीत और परस्पर विरोधी दलों और समूहों के बीच बातचीत सहित शांति प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना होगा. समिति को सामाजिक एकजुटता, आपसी समझ को मजबूत करना चाहिए और विभिन्न जातीय समूहों के बीच सौहार्दपूर्ण संचार की सुविधा प्रदान करनी चाहिए.


3 मई से शुरू हुई थी हिंसा 


बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 मई से 1 जून के बीच अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान मणिपुर की स्थिति का जायजा लेने के बाद शांति समिति के गठन की घोषणा की थी. मणिपुर में हिंसा 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) की तरफ से आयोजित एक रैली के दौरान हुई थी, जिसमें मेइतेई/मीतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध किया गया था. 


जांच के लिए SIT का गठन 


मणिपुर में हुई हिंसा की जांच को लेकर सीबीआई (CBI) ने डीआईजी रैंक के अधिकारी के तहत विशेष जांच दल (SIT) का शुक्रवार (9 जून) को गठन किया था. सीबीआई अधिकारी ने बताया कि मामले में 6 एफआईआर दर्ज की गई हैं.


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