Violence In Manipur: देश के पूर्वोत्तर हिस्से में स्थित मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू हुए करीब दो महीने होने वाले हैं, लेकिन अभी तक ये आग बुझी नहीं है. हिंसा की चपेट में 100 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि हजारों लोग घर-बार छोड़कर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं. केंद्र सरकार लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार (25 जून) को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें स्थिति की जानकारी दी. बीरेन सिंह ने बताया कि गृह मंत्री ने राज्य में हिंसा पर चिंता व्यक्त की है.


खबरों के अनुसार शाह इंफाल घाटी के बाहरी क्षेत्रों में हिंसा के बाद अब जिलों में नागरिकों के बीच अशांति फैलने को लेकर चिंतित हैं. रविवार देर रात नई दिल्ली से लौटने के बाद इंफाल में संवाददाताओं से बातचीत में सिंह ने कहा, "बाहरी क्षेत्रों में गोलीबारी से लेकर घाटी के जिलों में नागरिक असंतोष तक, हिंसा की बदलती प्रकृति अमित शाह जी के लिए चिंता का विषय बन गई है." 


सिंह ने अमित शाह को राज्य के ताजा हालात के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य एवं केंद्र सरकार हिंसा को “काफी हद तक” नियंत्रित करने में सफल साबित हुई है. मुख्यमंत्री ने बताया, “शाह ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आर के रंजन सिंह और राज्य के मंत्री सुशींद्रो मेइती के घरों पर हमले, सरकारी संपत्तियों में आगजनी एवं तोड़फोड़ तथा सुरक्षा बलों की आवाजाही को बाधित किए जाने जैसे मुद्दे उठाए.” सिंह ने गृह मंत्री को मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट सौंपी.


क्या हो रहा, कह नहीं सकते- सीएम बीरेन


मुख्यमंत्री ने कहा, “हिंसा का शुरुआती दौर बेहद संवेदनशील और राजनीति से प्रेरित था, लेकिन अब क्या हो रहा है, हम नहीं कह सकते. स्थिति बहुत अराजक है.” उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी.


अमित शाह और एन बीरेन सिंह की मुलाकात मणिपुर के हालात को लेकर नई दिल्ली में गृह मंत्री की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद हुई. तीन घंटे तक चली इस बैठक में 18 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, पूर्वोत्तर के चार सांसदों और क्षेत्र के दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया था.


इंफाल पश्चिम में हिंसा की खबर


इस बीच, सेना के सूत्रों ने बताया कि मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के चिंगमेइरोंग में हिंसा की ताजा घटना सामने आई है, जहां अज्ञात उपद्रवियों ने रविवार को आधी रात के बाद एक दुकान में आग लगा दी. गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच हुए जातीय संघर्ष में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.


मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था. इसके बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं. पूर्वोत्तर के इस राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है, जिसमें से ज्यादातर इंफाल घाटी में रहती है, जबकि नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 फीसदी के आसपास है और ये ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं. 


इनपुट- पीटीआई-भाषा


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