मणिपुर हिंसा: 60 लोगों की गई जान, 1700 घरों को जलाया गया, अब कैसी है स्थिति? सीएम बिरेन सिंह ने बताया
N Biren Singh On Manipur Violence: एक तरफ जहां मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई तो वहीं, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शाम को इसको लेकर आंकड़े पेश किए.

CM Biren Singh On Manipur Violence: मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने को लेकर मणिपुर में हुई हिंसा पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सोमवार (08 मई) को मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन से लेकर राज्य हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी है.
उन्होंने कहा, “मणिपुर में अलग-अलग जगहों पर फंसे सभी व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों और आश्रय शिविरों में सर्वोत्तम संभव देखभाल और सहायता प्रदान की जा रही है.” इसी के साथ सीएम बीरेन सिंह ने लोगों से राज्य में शांति बनाए रखने की अपील भी की है. उन्होंने कहा, “मैं लोगों से राज्य में शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.”
‘1700 घर जले, 60 लोगों की जान गई’
उन्होंने आगे बताया, “3 मई की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में लगभग 60 निर्दोष लोगों की जान गई है और 231 लोगों को घायल हुए हैं, कई लोगों को गंभीर चोटें भी आई हैं. लगभग 1700 घर जलाए गए हैं. फंसे हुए लोगों को उनके संबंधित स्थानों पर पहुंचाने का काम भी शुरू हो चुका है.”
Around 60 innocent people have lost their lives, 231 people suffered injuries and around 1700 houses burned down in the unfortunate incident of May 3. I appeal to people to bring peace and calm to the state. Transportation of stranded persons to their respective locations has… pic.twitter.com/ks5fPCNCV4
— ANI (@ANI) May 8, 2023
उन्होंने बताया, “अब तक 20 हजार फंसे हुए लोगों को निकाला जा चुका है. करीब 10 हजार लोग अब भी फंसे हुए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह घटना के दिन से लेकर अब तक स्थिति पर नजर बना रखी है. उन्होंने केंद्रीय बलों की कई कंपनियां भेजी हैं.”
मणिपुर हिंसा की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
वहीं, सोमवार (08 मई) को इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी हुई. देश की सर्वोच्च अदालत ने इस बात पर हैरानी जताई है कि हाईकोर्ट किसी समुदाय को जनजाति की लिस्ट में शामिल करने का आदेश कैसे दे सकता है.
इसको लेकर कोर्ट ने अगली सुनवाई 17 मई को मुकर्रर की है. साथ ही चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने हालात सामान्य करने के लिए सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदमों को रिकॉर्ड पर लिया. हिंसा के दौरान विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आदेश देते हुए राहत शिविरों में रह रहे लोगों को सुविधा और मेडिकल सहायता देने का निर्देश भी दिया.
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